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'एक वक्त लगा कि बचना मुश्किल है', भागलपुर में गंगा की तेज धारा में बहने लगे चीफ इंजीनियर - FLOOD IN BHAGALPUR

CHIEF ENGINEER STARTED DROWNING: भागलपुर में ध्वस्त तटबंध के निरीक्षण के दौरान उस समय अजीबोगरीब हालात पैदा हो गये जब फ्लड फाइटिंग डिवीजन कटिहार के चीफ इंजीनियर गंगा नदी में गिर गये और डूबने लगे, हालांकि मौके पर मौजूद NDRF की टीम ने तत्काल मोर्चा संभाला और उन्हें सुरक्षित बचा लिया, पढ़िये पूरी खबर

बाल-बाल बचे चीफ इंजीनियर
बाल-बाल बचे चीफ इंजीनियर (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 24, 2024, 4:16 PM IST

जब गंगा में डूबने लगे चीफ इंजीनियर (ETV BHARAT)

भागलपुरः बिहार केभागलपुर में शनिवार को एक बड़ी अनहोनी टल गयी और चीफ इंजीनियर अनवर जमील डूबने से बच गये. दरअसल गंगा नदी इन दिनों उफान पर हैं और इस उफान के कारण नवगछिया के गोपालपुर बिंदटोली के पास तटबंध ध्वस्त हो गया है. इसको लेकर फ्लड फाइटिंग डिवीजन कटिहार के चीफ इंजीनियप अनवर जमील लगातार कैम्प कर रहे हैं.

निरीक्षण के दौरान डूबने लगे चीफ इंजीनियरः शनिवार को चीफ इंजीनियर तटबंध का निरीक्षण करने के लिए जा रहे थे कि गंगा में गिर पड़े और डूबने लगे. उन्हें डूबता देख मौके पर मौजूद SDRF की टीम एक्शन में आ गयी. चार से पांच स्पीड बोट पर सवार NDRF के जवान तत्काल उनके पास पहुंच गये. जवानों ने रस्सी फेंकी और उसके सहारे उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया.

NDRF ने बचाई चीफ इंजीनियर की जान (ETV BHARAT)

कटाव को लेकर सजग है प्रशासनः गोपालपुर के बिंदटोली में बांध के कटाव होने के बाद जिला प्रशासन किसी भी तरह की अनहोनी को रोकने के लिए पूरी तरह सजग है. इसको लेकर डीएम तीन दिनों से सुबह-शाम मौके का मुआयना करते हैं और अधिकारी-कर्मचारियों के साथ कैंप भी करते हैं.

नियमित रूप से हो रही है तटबंध की जांचः जल संसाधन विभाग और अन्य डिपार्टमेंट के अधिकारी भी मौके पर लगातार जांच में जुटे हुए हैं और गंगा में एसडीआरएफ की बोट पर बैठकर जांच करते हैं. फ्लड फाइटिंग डिवीजन कटिहार के मुख्य अभियंता अनवर जमाल भी एसडीआरएफ की बोट पर बैठकर निरीक्षण कर रहे थे. इसी बीच उनका बैलेंस बिगड़ गया और वो गंगा में गिरने के बाद बहने लगे, जिन्हें NDRF की टीम ने बचाया.

''सूचना मिली थी कि, एस्पर नंबर 9, जो बिंद टोली के पास है. वहां कटाव की स्थिति बनी हुई है, हम लोग तुरंत नाव की मदद से वहां पहुंचे. दरअसल नाव मोड़ने के क्रम में सेंट्रीफ्यूगल फोर्स काम करता है, उस वजह से नदी के किनारे गिर गए. जिन बोट पर हम थे उस पर एनडीआरएफ की टीम थी, उन्होंने कोशिश करके हमें बचाया. एक वक्त लगा कि बचना मुश्किल है, ये एक पल का मामला था, लेकिन ऊपर वाले ने बचा लिया. एनडीआरएफ की टीम को भी धन्यवाद.'' - अनवर जमाल, मुख्य अभियंता, कटिहार

बांध टूटने से कई गांव प्रभावितःबता दें कि बिंदटोली में तटबंध टूटने से कई गांवों के लोगों के आशियाने उजड़ गये हैं. जिसके बाद जिला प्रशासन ने राहत शिविर लगाए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. 2008 में करीब 44 करोड़ की लागत से इस बांध का निर्माण कराया गया था. इतना ही नहीं इस साल मरमम्त के नाम पर भी 15 करोड़ रुपये खर्च किए गये हैं.

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