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आम के आम और गुठलियों के दाम, अब सच में मिलेंगे गुठलियों के दाम, BAU के वैज्ञानिक द्वारा बनाई गई मशीन को मिला पेटेंट - Mango seed extracting machine

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 18, 2024, 8:44 AM IST

Mango seed extracting machine. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के वैज्ञानिक द्वारा आम की गुठलियों से बीज निकालने की मशीन बनाई गई है. जिसे भारत सरकार ने पेटेंट दे दिया है. यह मशीन किसानों के लिए बड़े फायदेमंद साबित हो सकता है.

Mango seed extracting machine
बीएयू के वैज्ञानिक और उनकी मशीन (ईटीवी भारत)

रांची: एक पुरानी कहावत है - आम के आम और गुठलियों के दाम. इस कहावत को चरितार्थ करते हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कृषि अभियंत्रण विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुशील कुमार पांडेय ने एक ऐसी मशीन बनाई है, जो न सिर्फ सस्ती और हाथ से चलने वाली है, बल्कि राज्य और देशभर के आम किसानों के लिए काफी फायदेमंद भी है. सबसे खास बात यह है कि भारत सरकार ने डॉ. सुशील कुमार पांडेय की आम की गुठली से बीज निकालने वाली इस हस्तचालित मशीन को पेटेंट भी दे दिया है.

भारत सरकार से मिला पेटेंट

भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र जारी किया गया है. बीएयू के जनसंपर्क अधिकारी पंकज वत्सल ने इसकी जानकारी दी है. बीएयू के कृषि अभियंत्रण विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुशील कुमार पांडेय ने ईटीवी भारत को बताया कि आम की गुठली में न सिर्फ उच्च प्रोटीन (6%) और कार्बोहाइड्रेट (60%) भरपूर मात्रा में होता है, बल्कि इसमें 11.5% तेल भी होता है. इसके चलते इस समय खाद्य प्रसंस्करण और बेकरी, कंडीशनर, साबुन, लोशन से जुड़े कॉस्मेटिक उद्योगों में इसकी काफी डिमांड है.

उन्होंने कहा कि जागरूकता की कमी और गुठली से बीज निकालने में होने वाली समस्याओं के कारण किसान आम की गुठली की बिक्री को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं हैं, लेकिन जैसे ही उनके द्वारा आसान तरीके से बनाई गई मशीन की मदद से आम की गुठली से बीज निकलने लगेंगे, यह किसानों की आय बढ़ाने में मददगार साबित होगी.

डॉ. पांडे ने कहा कि देश के कई इलाकों में आम की गुठली 5 से 8 रुपये प्रति किलो तक बिकती है. उनके द्वारा आविष्कृत इस मशीन के उपयोग से समय और श्रम लागत की बचत होने से इन उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि इस मशीन को बनाने की लागत प्रतिदिन 15 से 20 हजार रुपये आएगी और प्रति घंटे 15 से 18 किलोग्राम बीज गुठली से अलग किए जा सकेंगे. इस उपलब्धि पर बीएयू के कुलपति डॉ. एससी दुबे ने डॉ. सुशील कुमार पांडेय को बधाई दी और कहा कि आम की गुठली से बीज निकालने वाली मशीन का पेटेंट मिलने से बीएयू की प्रतिष्ठा भी बढ़ी है.

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