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बड़वानी के कस्तूरबा कन्या आश्रम में 50 छात्राओं की तबियत बिगड़ने से हड़कंप, सामने आया ये मामला - KASTURBA Kanya ASHRAM BARWANI

बड़वानी जिले के निवाली नगर के कस्तूरबा कन्या आश्रम में उल्टी-दस्त होने से करीब 50 छात्राओं की तबियत खराब हो गई. गंभीर हालत होने पर 4 बच्चियों का जिला अस्पताल बड़वानी में इलाज चल रहा है, जबकि 6 छात्राएं निवाली अस्पताल में भर्ती हैं.

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बड़वानी के कस्तूरबा कन्या आश्रम में अचानक खराब हुई 50 छात्राओं की तबियत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 20, 2024, 9:57 PM IST

बड़वानी: मध्य प्रदेश के बड़वानी के निवाली कस्तूरबा कन्या आश्रम में 50 छात्राओं की अचानक तबियत खराब होने से हड़कंप मच गया. ये जानकारी मिलते ही आश्रम के लोगों ने बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां पर बच्चों का उपचार किया गया है. वहीं कुछ छात्राओं को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया. इन सभी छात्राओं को शनिवार सुबह से उल्टी, दस्त और बुखार की शिकायत थी.

बड़वानी के कस्तूरबा कन्या आश्रम में अचानक खराब हुई 50 छात्राओं की तबियत (ETV Bharat)

4 बच्चियों का इलाज जिला अस्पताल में जारी

आश्रम संचालकों ने बताया कि शनिवार सुबह दो बच्चियों को उल्टी-दस्त की शिकायत हुई थी, उन्हें निवाली अस्पताल ले जाया गया. जहां से डॉक्टरों ने उन बच्चियों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. इसके बाद दोपहर 3 बजे के लगभग कई बच्चियों की तबियत खराब हो गई. इसके बाद उन बच्चियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिखाया गया. जिनमें से 6 बच्चियों का इसी अस्पताल में इलाज जारी है, जबकि 2 और बच्चियों की हालत गंभीर होने पर उन्हें भी जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. जहां 4 बच्चियों का इलाज जिला अस्पताल में जारी है.

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आश्रम में है सुविधाओं का आभाव

वहीं, बाकी छात्राओं का कस्तूरबा कन्या आश्रम में इलाज किया जा रहा है. जानकारी मिलने पर तहसीलदार और स्वास्थ्य अधिकारियों ने छात्रावास का निरीक्षण किया. डॉ. दिव्यानी अहिरवालने बताया कि ''शनिवार दोपहर को करीब 50 छात्राओं को उल्टी-दस्त की शिकायत थी. इन सभी का इलाज किया जा रहा है. सभी की हालत ठीक है. आश्रम से बच्चियों के सैंपल, वाटर सैंपल, फूड सैंपल लिए गए हैं. जांच के बाद ही बीमारी की वजह का पता चल पाएगा. बारिश के मौसम में तबियत खराब होने के ज्यादा चांस होते हैं. इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है.'' जानकारी के मुताबिक आश्रम में पीने के पानी की व्यवस्था नल से की जाती है. वहां पीने के पानी के लिए आरओ, वाटरकूलर नहीं लगा है, जबकि सभी सरकारी हॉस्टलों में पीने के पानी के लिए आरओ की व्यवस्था की गई है."

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