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'फंगल इंफेक्शन से हाथी की मौत नहीं होती', डाइटिशियन और डॉक्टर आमने-सामने

बांधवगढ़ में एक साथ 10 हाथियों की मौत से सभी चकित हैं. जानना चाहते हैं कि मौत कैसे हुई. डाइटिशियन और डाक्टर्स क्या कहते हैं.

10 ELEPHANTS DEATH MYSTERY
10 हाथियों की मौत की मिस्ट्री (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 3, 2024, 10:04 AM IST

Bandhavgarh Elephant Graveyard:बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की मौत के बाद पूरे देश में मौत के कारण को लेकर भी चर्चा जोरों पर है. हालांकि शुरुआती जांच में मौत का कारण फंगस लगी कोदो कुटकी खाना बताया जा रहा है. वहीं वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉक्टर इस आशंका को सिरे से नकार रहे हैं.

एक-एक कर 10 हाथियों की मौत

उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बीते मंगलवार को यह मामला सामने आया था. उस समय 3 हाथियों की मौत हो गई थी हालांकि इसके बाद शाम तक चौथे हाथी ने भी दम तोड़ दिया. इस बाद गंभीर हाथियों का इलाज किया जा रहा था लेकिन एक एक कर 10 हाथियों की मौत हो गई. राज्य समेत केन्द्र की कई जांच ऐजेंसी जांच कर रही हैं.

हाथियों ने खाई थी कोदो की फसल

स्थानीय स्तर पर बताया गया कि हाथियों के झुंड ने कोदो की फसल पर खाई थी. इस झुंड में 13 हाथी थे और इसी झुंड के हाथियों ने कोदो की फसल को खाया था. इधर शुरुआती जांच में डॉक्टर ने मौत का कारण कोदो कुटकी की फसल से इन्फेक्शन होना बताया था.

कोदो को लेकर डाइटिशियन का मत

कोदो-कुटकी की फसल से हाथियों की मौत को लेकर डाइटिशियन डॉ प्रीति शुक्लाका कहना है कि "कोदो कुटकी की फसल में यदि फंगस लगाी हो तो सीपीए कंपाउंड बन जाता है और ज्यादा मात्रा में खाने पर प्राणी की इससे मौत हो सकती है. फंगस का नेचर जहरीला होता है. संभवत इस बार देर तक बारिश होने से फसल में नमी के कारण फंगस रहा होगा. इसी फसल को अधिक मात्रा में खाने के कारण हाथियों की मौत हो सकती है.

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'फंगल इंफेक्शन से हाथी की मौत नहीं होती'

वेटरनरी डॉक्टर एवं इंदौर के चिड़ियाघर के प्रभारी डॉक्टर उत्तम यादवका कहना है कि "इतने बड़े प्राणी की फंगस से मृत्यु होना उचित प्रतीत नहीं होता क्योंकि यदि कोदो कुटकी में फंगस भी होता है तो हाथियों को डायरिया, डिसेंट्री और वोमिटिंग होती लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. हाथियों का बिसरा फिलहाल फॉरेंसिक लैब भेजा है. जांच रिपोर्ट आना बाकी है लेकिन इस मामले में जहर खुरानी एक बड़ी वजह हो सकती है इसका कारण क्षेत्र में हाथी किसानों की फसल नष्ट कर रहे थे. जिसके कारण कुछ लोगों ने जहर जैसी चीज मिलाई होगी क्योंकि किसी भी हाथी में पहले से कोई बीमारी के लक्षण नहीं थे और फंगल इंफेक्शन से हाथी की मौत नहीं होती. उन्होंने कहा 90 फीसदी इस बात की संभावना है कि किसी ने योजनाबद्ध तरीके से हाथियों को जहर दिया है."

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