वाराणसी: बनारस में रेनबो गाजर की खेती होती है, जिसमें एक दो नहीं, बल्कि छह किस्म की गाजर उपजाई जाती है. इसमें लाल, ऑरेंज, मैरून और काले के साथ पीले रंग के गाजर की भी खेती होती है. इस गाजर की खासियत की बात करें तो ये सेहत के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
वहीं इससे किसानों की आमदनी भी काफी अच्छी होती है. बनारस के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में इसकी खेती होती है, जहां से कोई भी किसान बीज लेकर खेती कर सकता है. इससे न सिर्फ व बेहतर मुनाफा कमा सकता है, बल्कि लोगों की सेहत के लिए भी लाभदायक बना सकता है.
बनारस के भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में सब्जियों को लेकर अलग-अलग तरीके के शोध होते रहते हैं. अभी भी कई तरह की ऐसी सब्जियों का यहां उत्पादन किया जा चुका है जो अपने आप में बेहद ही अनोखा है. इसी बीच संस्थान ने गाजर को लेकर भी एक अद्धुत प्रयोग किया है.
यहां के वैज्ञानिकों ने सामान्य गाजर पर प्रयोग कर उसे अलग-अलग रंगों में ला दिया है. गाजर के ये रंग कोई सामान्य रंग नहीं हैं. ये उन गाजरों में मिले हुए पोषक तत्व हैं. ये गाजर आपके शरीर को उन जरूरी तत्वों की पूर्ति कराएंगे जो आप दवाइयों का सेवन करके पूरा करते हैं. इससे सेहत सही रहेगी.
इस बारे में सब्जी अनुसंधान केंद्र के प्रमुख वैज्ञानिक एके सिंह बताते हैं कि, रेनबो गाजर की खेती में आपको एक तरह से सभी रंग देखने को मिल जाएंगे. इसमें ऑरेंज, येलो, पर्पल रेड भी देखने को मिलता है.
इसमें रेनबो गाजर के फायदे ये हैं कि हमारे शरीर को विभिन्न तरह के विटामिन और एंटी ऑक्सीडेंट्स की जरूरत होती है. हमारे शरीर के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जो परंपरा चल रही उसी पर हमने का किया है.