वाराणसी :बनारस में बीते 5 अक्टूबर को राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू गुप्ता, बड़े बेटे नवनेंद्र, छोटे बेटे सुबेन्द्र और बेटी गौरंगी की हत्या कर दी गई थी. मामले में पुलिस अब तक कुछ बड़ा हासिल नहीं कर पाई है. पुलिस को राजेंद्र गुप्ता के भतीजे विशाल उर्फ विक्की पर शक है, लेकिन उसका कोई लोकेशन पुलिस को मिल ही नहीं रहा है. हालांकि पुलिस को दो बड़े क्लू मिलने का दावा कर रही है.
बता दें, हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस की 10 टीमें जांच में जुटी है. इनमें से एक टीम अहमदाबाद गई है. प्राथमिक जांच के बाद पुलिस के मुताबिक विशाल उर्फ विक्की एमसीए की पढ़ाई करने के बाद अहमदाबाद की एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर काम कर रहा था. विक्की का महाराष्ट्र की एक लड़की के साथ अफेयर भी चल रहा था.
उससे फोन पर भी बातचीत होती थी. पुलिस को उस लड़की के मोबाइल नंबर भी तलाशने हैं. इसके अलावा पुलिस ने अहमदाबाद में विक्की के कई जानने वालों और उसके ऑफिस में काम करने वाले लोगों से पूछताछ की है. अभी एक टीम मोहम्मदाबाद में ही रुकी है. जबकि दूसरी टीम महाराष्ट्र पहुंच चुकी है.
इधर, डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने शुक्रवार को देर शाम पहुंचकर घर में मौजूद राजेंद्र की मां शारदा देवी से पूछताछ की. लगभग 1 घंटे से ज्यादा चली पूछताछ में शारदा देवी ने विक्की की तरफ से बार-बार चाचा की जान लेने की बात बताई है. साथ ही यह भी बताया कि विक्की 3 नवंबर नहीं, 4 नवंबर को घर से गया था. यानी भाई दूज के अगले दिन तक विक्की घर पर ही था और 4 जून को वह दादी से अपने काम पर वापस जाने की बात कह कर निकाला था. घटना 4 नवंबर की रात और 5 नवंबर की भोर में हुई है.
फिलहाल पुलिस के पास विक्की के 5 मोबाइल नंबर मौजूद हैं. जिनमें से तीन मोबाइल नंबर काफी पहले ही बंद हो चुके हैं और वह सिम किसी और को अलॉट भी है, जबकि एक मोबाइल नंबर जो पुलिस हिरासत में लिए गए उसके छोटे भाई प्रशांत उर्फ जुगनू के मोबाइल में भाई के नाम से सेव था वह भी स्विच ऑफ है. मौजूदा समय में विक्की जो मोबाइल नंबर इस्तेमाल कर रहा था वह भी 24, 25 अक्टूबर की रात में ही स्विच ऑफ कर दिया गया है.