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नहीं देखा होगा कहीं ऐसा सम्मान, बालाघाट में शिक्षकों के साथ सैकड़ों बुजुर्गों का हुआ सम्मान - Balaghat Teachers Day 2024

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 10:07 PM IST

बालाघाट के ग्राम बड़गांव में शिक्षक दिवस के मौके पर अध्यापकों के साथ-साथ बुजुर्ग परिजनों का सम्मान किया गया. ये कार्यक्रम ग्राम पंचायत की तरफ से आयोजित कराया गया.

BALAGHAT TEACHERS DAY 2024
बालाघाट में शिक्षकों के साथ सैकड़ों बुजुर्गों का हुआ सम्मान (ETV Bharat)

बालाघाट: कहते हैं बच्चों के माता-पिता ही उनके प्रथम गुरु होते हैं और इसी परिकल्पना को लेकर शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के साथ-साथ सैकड़ों माता-पिता को भी सम्मानित किया गया. ये आयोजन बालाघाट के आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र में हुआ है. वहीं इस अनूठे कार्यक्रम की क्षेत्र में काफी चर्चा भी हो रही है. ग्राम बड़गांव में आयोजित ग्राम गौरव बुजुर्ग सम्मान दिवस के दौरान लोगों की भीड़ देखी गई.

बालाघाट में शिक्षकों के साथ सैकड़ों बुजुर्गों का हुआ सम्मान (ETV Bharat)

शिक्षकों को किया गया सम्मानित

इसको लेकर ग्राम की सरपंच राधन बाई उइके ने बताया कि ''माता-पिता ही बच्चों के पहले गुरु होते हैं, इसीलिए आज शिक्षक दिवस के अवसर पर इस छोटे से ग्राम में क्षेत्र के सैकड़ों माता-पिताओं को भेंट देकर सम्मानित करने का कार्य किया गया है. वहीं इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि इस आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को किस तरह बेहतर बनाया जा सके. हर जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी सहित अन्य गणमान्य अगर यह ठान ले कि उन्हें अपने बच्चे को केवल सरकारी स्कूल में ही पढ़ाना है तो यह भ्रम सदा के लिये समाप्त हो जायेगा कि सरकारी स्कूल निजी स्कूल से कहीं पीछे हैं.''

सैकड़ों बुजुर्गों का हुआ सम्मान (ETV Bharat)

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आदिवासी क्षेत्र में बढ़ रही है शिक्षा के प्रति जागरूकता

उन्होंने आगे बताया कि ''यह आयोजन पिछले 10 वर्षों से निरंतर चला आ रहा है और शायद इस आयोजन का ही परिणाम है कि आदिवासी क्षेत्र में अब शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है. कहीं न कहीं इस आयोजन ने एक ओर जहां शिक्षकों का मनोबल बढ़ाने का काम किया है तो वहीं दूसरी ओर यह आयोजन माता पिता को इस बात के लिये प्रेरित करता है कि आज के बच्चे कल के भविष्य हैं. अगर वर्तमान को ठीक कर लिया जाएगा तो भविष्य स्वयं ही संवर जाएगा. इसी परिकल्पना को लेकर यह आयोजन लगातार बीते कई सालों से अनवरत जारी है.'' अंत में सरपंच ने कहा कि ''किसी भी बुजुर्ग माता पिता के लिए वृद्धाश्रम तक कि नौबत न आये. इसी को लेकर यह प्रेरणा स्वरूप एक छोटी सी पहल है.''

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