बालाघाट: कहते हैं बच्चों के माता-पिता ही उनके प्रथम गुरु होते हैं और इसी परिकल्पना को लेकर शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के साथ-साथ सैकड़ों माता-पिता को भी सम्मानित किया गया. ये आयोजन बालाघाट के आदिवासी बाहुल्य परसवाड़ा क्षेत्र में हुआ है. वहीं इस अनूठे कार्यक्रम की क्षेत्र में काफी चर्चा भी हो रही है. ग्राम बड़गांव में आयोजित ग्राम गौरव बुजुर्ग सम्मान दिवस के दौरान लोगों की भीड़ देखी गई.
शिक्षकों को किया गया सम्मानित
इसको लेकर ग्राम की सरपंच राधन बाई उइके ने बताया कि ''माता-पिता ही बच्चों के पहले गुरु होते हैं, इसीलिए आज शिक्षक दिवस के अवसर पर इस छोटे से ग्राम में क्षेत्र के सैकड़ों माता-पिताओं को भेंट देकर सम्मानित करने का कार्य किया गया है. वहीं इस बात का खास ध्यान रखा जाता है कि इस आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को किस तरह बेहतर बनाया जा सके. हर जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी सहित अन्य गणमान्य अगर यह ठान ले कि उन्हें अपने बच्चे को केवल सरकारी स्कूल में ही पढ़ाना है तो यह भ्रम सदा के लिये समाप्त हो जायेगा कि सरकारी स्कूल निजी स्कूल से कहीं पीछे हैं.''
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