गया:बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फबाबा बागेश्वरआज गया आ रहे हैं. उनका प्रवास स्थल बोधगया में होगा. ऐसे में बोधगया में बाबा बागेश्वर के बैनर पोस्टर पट गए हैं. बोधगया के जिस होटल में बाबा का प्रवास होगा, वहां उनकी सिक्युरिटी वाली एक टीम पहले ही पहुंच चुकी है. वहीं, बाबा के प्रवास वाले होटल में सिर्फ उन्हीं को एंट्री मिल रही है, जिनके पास पर्ची है.
25 सितंबर से ही पहुंचने लगे बाबा बागेश्वर के भक्त: 25 सितंबर से ही बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा के भक्त बोधगया पहुंचने लगे हैं. बाबा बागेश्वर इस होटल में प्रवास करेंगे. यहां भक्तों का आना शुरू हो गया है. पर्ची वाले भक्त को इंट्री तुरंत मिल जा रही है और बताया जा रहा है कि पर्ची वाले भक्त ही बाबा बागेश्वर के भागवत कथा को सामने से सुन सकेंगे.
कैसे होगी भक्तों की एंट्री?: यूपी के देवरिया बरहज के गोवर्धन प्रसाद गोर्कस ने 8 सितंबर को पर्ची कटवाई है. पर्ची के ऊपर श्री श्री 1008 श्री बागेश्वर धाम परिवार पितृ तर्पण गया जी बिहार महायज्ञ लिखा गया है. गोवर्धन प्रसाद गोर्कक ने भी बताया कि वह राशि देकर पर्ची कटवाए हैं. हालांकि कैमरे के सामने जब वह बोलने को तैयार हुए तो होटल के गार्डो ने उन्हें रोक दिया और जबरन अंदर लेकर चले गए. वहीं बिना पर्ची के पहुंचे यूपी के एक भक्त को होटल के बाहर खड़े होने से भी मना कर दिया गया. इस तरह बाबा बागेश्वर के भागवत कथा में पर्ची की 'इंट्री' हो रही है.
54 हजार की पर्ची लेकर पहुंचे यूपी के गोवर्धन:54 हजार की पर्ची लेकर बोधगया पहुंचे यूपी के गोवर्धन प्रसाद गोर्कस को बाबा के प्रवास वाले होटल में एंट्री मिल गई. सिर्फ पर्ची वाले को ही इंट्री की इजाजत मिली है. बगैर पर्ची के कोई भी अंदर नहीं जा सकता है. वहीं, मीडिया पर भी सख्ती कर दी गई है. कोई भी मीडिया कर्मी अंदर दाखिल नहीं हो सकते हैं. गार्ड द्वारा बताया गया है कि बाबा बागेश्वर की सिक्योरिटी की टीम आई है और मीडिया के अंदर आने पर पूरी तरह से रोक है.
क्या कहा था बाबा बागेश्वर ने?:हालांकि, बाबा पहले ही वीडियो जारी कर कह चुके हैं कि इस बार भक्तों को ऑनलाइन भागवत कथा ही सुन पाएंगे. हालांकि अब यह बात सामने आ गई है कि पर्ची वाले भक्त बाबा बागेश्वर के सामने होंगे और भागवत कथा सुन सकेंगे.
सुसज्जित हुआ बाबा बागेश्वर का कमरा: जानकारी के अनुसार बाबा बागेश्वर जहां पर प्रवास करेंगे, उस स्थान को पूरी तरह से सजा दिया गया है. जिस कमरे में रुकेंगे, वहां व्यवस्था सुसज्जित और सुरक्षा टाइट कर दी गई है. पिछली बार भी बाबा बागेश्वर आए थे तो होटल संबोधी रिट्रीट में ही प्रवास किया था. इस बार भी यहीं इनका प्रवास है. वहीं, एक बड़ा पंडाल भी होटल के बाहर बनाया जा रहा है. पंडाल को भी सुरक्षा घेरे में कड़ाई के साथ रखा जाएगा.
भागवत कथा कर सकते हैं बाबा बागेश्वर:एक बड़े पंडाल का निर्माण होटल के बाहर यानी कि बाबा बागेश्वर के प्रवास स्थल पर किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि बाबा बागेश्वर इस स्थान से कभी भी समय निकालकर भागवत कथा करेंगे और वही लोग यहां पर रहेंगे, जिनको अनुमति होगी. वैसे नियमित रूप से होटल के अंदर से ही पिछली बार की तरह बाबा बागेश्वर भागवत कथा करेंगे. उनके अनुयायी करीब 200 से अधिक की संख्या में आएंगे. माना जा रहा है कि बाबा बागेश्वर के 200 के करीब अनुयायियों के साथ-साथ पर्ची वाले भक्तों की एंट्री होगी. बाबा बागेश्वर के भागवत कथा को यही लोग सामने से सुन सकेंगे.
पिंडदान करेंगे बाबा बागेश्वर: विश्व प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेले के बीच बागेश्वर बाबा 26 सितंबर को बिहार के गयाजी में पधार रहे हैं लेकिन वे सिर्फ तीन दिन ही यहां रहेंगे. बागेश्वर बाबा 200 अनुयायियों के साथ पिंडदान के कर्मकांड को पूरा करेंगे. वहीं, उनके भक्तों को ऑनलाइन भागवत कथा का ही लाभ मिल सकेगा. विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में गया जी धाम में पिंडदानियों की भीड़ को देखते हुए अपने वीडियो संदेश में बाबा बागेश्वर ने खुद इसकी पुष्टि की है.
तीन दिनों के लिए गया जी आएंगे बाबा बागेश्वर: बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री उर्फ बागेश्वर बाबा 26 सितंबर को गया जी आएंगे. उनके साथ 200 शिष्यों की मंडली होगी. गया में वे 200 अनुयायियों के साथ पिंडदान का कर्मकांड करेंगे. 26, 27 और 28 सितंबर को ही वे गया में रहेंगे. इसके बीच बाबा बागेश्वर के द्वारा कही जाने वाली भागवत कथा का भक्तों को ऑनलाइन ही लाभ मिल सकेगा.
"बिहार के गया के लिए कार्यक्रम के बारे में बताने में उन्हें प्रसन्नता है. वे गया जी को प्रणाम करने आ रहे हैं. प्रशासनिक व्यवस्था के कारण सार्वजनिक रूप से कथा करने की अनुमति नहीं प्राप्त हो रही है, क्योंकि अत्यधिक भीड़ है और श्राद्ध पक्ष का मेला गया जी में लगा हुआ है. इसके कारण प्रशासन को भी दिक्कत न हो, इसलिए वे मात्र 200 अनुयायियों के साथ पिंडदान के कर्मकांड की पद्धति को पूर्ण करने के लिए आएंगे."- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, आचार्य, बागेश्वर धाम