धमतरी : सड़क विकास का आईना होती हैं.सड़क किसी भी इलाके को विकास की ओर ले जाने का माध्यम होती है.लेकिन धमतरी में ऐसी सड़क बनीं जो खुद ही चीख-चीख कर ये कह रही है कि हां मेरे साथ भ्रष्टाचार हुआ है. मुझे ठेकेदारों ने कहीं का नहीं छोड़ा.मेरी इज्जत को सरेआम नीलाम कर दिया है. मेरा कोना-कोना मेरे साथ हुए अत्याचार की कहानी बयां कर रहा है. मेरी शान भी निराली होती,लेकिन भ्रष्टाचारियों ने जो हरकत मेरे इज्जत के साथ की उसकी माफी नहीं दी जा सकती.मुझे देखने वाले मेरा इस्तेमाल करने वाले मुझे ही गालियां बक रहे हैं. जिन लोगों के ऊपर मेरी इज्जत को समाज में फैलाने की जिम्मेदारी थी,उन्हीं लोगों ने मेरा इमान लूट लिया है.
सड़क अपनी दुर्दशा पर बहा रही है आंसू :ऊपर लिखे गए शब्द उस सड़क के हैं,जो धमतरी शहर की शोभा बढ़ाने के लिए बनीं.लेकिन भ्रष्टाचारियों ने सड़क को ऐसा बनाया कि वो अपनी दुर्दशा पर खुद ही आंखें बहा रही है. धमतरी शहर को राहत देने के लिए बाईपास एक तरफ बनकर तैयार हुई तो दूसरी तरफ शहर के अंदर पहले से मौजूद करीब 7 किलोमीटर लंबी जर्जर सड़क की मरम्मत की मांग उठी. चुनाव के वक्त सरकार पर दबाव बना और भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते ही इस सड़क के निर्माण की स्वीकृति दे दी. करीब साढ़े 13 करोड़ रुपए का फंड मंजूर हुआ.इसके बाद सड़क का ठेका मित्तल कंस्ट्रक्शन को दे दिया गया.
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद सड़क का काम शुरु हुआ. मित्तल कंस्ट्रक्शन ने संबलपुर बाईपास मोड़ से लेकर श्यामतराई बाईपास मोड़ तक शहर के अंदर की करीब 7 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई. सड़क निर्माण के बाद सड़क के दोनों तरफ पाई में मुरुम फीलिंग भी किया जाना था. लेकिन निर्माण के बाद ही ये सड़क उखड़ने लगी है.भारी वाहनों का दबाव भी सड़क ना झेल पाई.जितने भारी वाहन इस सड़क से गुजरते उतनी ये सड़क धंसती जाती.आज ये सड़क उबड़ खाबड़ जमीन जैसी लगती है.जगह-जगह पर पिचक गई है.