नई दिल्ली:दिल्ली AIIMS के बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री के छात्र पिछले तीन दिनों से डायरेक्टर ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे हैं. इनका आरोप है कि बीते कई सालों से इनके कोर्स के सिलेबस के मुताबिक एम्स में पढ़ाई की सुविधा नहीं है. शिक्षा के लिए जो टीचर होने चाहिए वो भी नहीं है. साथ ही इस बार महिला छात्रावास का मुद्दा भी प्रदर्शन में शामिल किया गया है.
महिला छात्रों की मांग है कि वह कैंपस से बाहर पीजी में अपने आपको असुरक्षित महसूस करती है. बंगाल की घटना के बाद सुरक्षा की मांग जोर पकड़ रही है. कुछ साल पहले इसी विभाग की एक छात्रा ने मानसिक रूप से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी. उसके बाद एम्स में काफी बवाल हुआ था. एक बार फिर से यह छात्र अपने शिक्षा के अधिकार के तहत नियमों के मुताबिक एम्स प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि इनकी पढ़ाई सिलेबस के हिसाब से कराई जाए.
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प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया कि 2 साल पहले एम्स के डायरेक्टर ने उन्हें लिखित में ये आश्वासन दिया था कि बहुत जल्द उनके सभी मांगों को पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ. छात्रों का कहना है कि एम्स जैसे बड़े अस्पताल का नाम सुनकर हमने इसमें एडमिशन लिया था. 4 साल के इस कोर्स में हमें कुछ पढ़ाया नहीं जाएगा तो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद हमारे हाथों में एम्स की डिग्री तो होगी, लेकिन हमें काम क्या करना होगा यह मुझे पता नहीं होगा. ऐसे में शांतिपूर्ण धरने पर बैठे इन छात्रों ने अपील की है कि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. अगर उनकी मांगों को एम्स प्रशासन ने नहीं माना तो यह छात्र अनिश्चितकाल हड़ताल पर जा सकते हैं. बैचलर आफ ऑप्टोमेट्री के छात्रों की संख्या लगभग 80 है, जिनमें लगभग 30 महिला छात्र है.
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