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कल से चैत्र नवरात्रि शुरू, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, नवसंवत्सर के राजा मंगल और मंत्री होंगे शनि - Chaitra Navratri 2024 - CHAITRA NAVRATRI 2024

Chaitra Navratri Special Yoga इस बार चैत्र नवरात्रि पर अद्भुत योग बन रहा है. विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर मां भगवती आपकी पूरी मनोकामनाएं पूरी करेंगी. चैत्र नवरात्रि में बन रहा अद्भुत योग काफी फायदेमंद माना जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 6, 2024, 3:04 PM IST

Updated : Apr 8, 2024, 6:18 PM IST

चैत्र नवरात्रि पर बन रहा खास योग

हल्द्वानी (उत्तराखंड): इस बार 9 अप्रैल यानि कल घटस्थापना के साथ चैत्र नवरात्रि शुभारंभ होगी और 17 अप्रैल को रामनवमी पर माता की विदाई होगी यानी नवरात्रि का समापन होगा. हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू हो जाती है. नवरात्रि में 9 दिनों के लिए मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना का महत्व है.घरों में मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है.

इस साल चैत्र नवरात्रि के 9 दिन बेहद अद्भुत योग बन रहा है. जिससे भक्तों को माता रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होगा.हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है. इसी दिन से हिंदू नववर्ष भी प्रारंभ होगा. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक-

  • चैत्र महीने के प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात 11.51 मिनट पर शुरू होगी.
  • समापन 9 अप्रैल यानि कल रात्रि 8.29 मिनट पर होगा.
  • उदया तिथि को देखते हुए 9 अप्रैल यानि कल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी.
  • घटस्थापना और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:55 से मध्यान तक रहेगा.
  • इसके साथ ही हिंदू नववर्ष यानी नवसंवत्सर 9 अप्रैल से शुरू हो जाएगा.
  • नवसंवत्सर का नाम कालयुक्त संवत्सर होगा.

इस बार नव संवत्सर के राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे, हिन्दू नववर्ष की शुरुआत पर तीन राजयोग भी बन रहे हैं. इस बार चैत्र नवरात्रि पर तीन राजयोग शश, सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि बन रहे हैं. 9 अप्रैल को अमृत सिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग दोनों ही साथ पड़ रहे हैं, ये दोनों ही शुभ योग 9 अप्रैल को सुबह से लेकर पूरे दिन रहेंगे. ज्योतिष के अनुसार कालयुक्त संवत्सर आता है तो देश-विदेश में नाना प्रकार के उपद्रव, व्यवधान, संकट, लेकर आता है. लेकिन इस बार नव संवत्सर दूसरे देशों के लिए नुकसानदायक रहेगा. दूसरे देशों में नाना प्रकार की युद्ध और देवी आपदाएं बीमारियां ला सकता है. जबकि भारत के लिए नव संवत्सर उन्नति लेकर आने वाला है. देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. देश की सीमाएं मजबूत होंगी.

कलश स्थापना ऐसे करें-

  • पर्व पर कलश के लिए मिट्टी का बर्तन, सात स्थानों की मिट्टी, सात प्रकार के अनाज, जौ के दाने, पानी, नारियल, आम के पत्ते, सुपारी, मौली, रोली, चावल, दीपक, अगरबत्ती, फल, मिठाई रखना चाहिए.
  • कलश स्थापना से पहले पूजा स्थान की अच्छे से साफ सफाई करें.
  • कलश में साफ मिट्टी भरें और जौ के दाने बोकर उस पर थोड़ा पानी छिड़क दें.
  • कलश को पूजा घर की चौकी पर स्थापित करें.
  • कलश के मुख पर आम के पत्ते रखें और उस पर नारियल रखें.
  • कलश में रोली, चावल, सात प्रकार के अनाज, सात प्रकार की मिट्टी, पंचरत्न, फूल आदि डालें.
  • कलश में जल डाल दें और मां दुर्गा के मंत्र का जाप करें.

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Last Updated : Apr 8, 2024, 6:18 PM IST

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