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बरसात में बढ़ी दमा की समस्या, अस्पतालों में दोगुनी हुई मरीजों की संख्या, ऐसे करें बचाव - Asthma Patients Problem Pauri

Asthma Patients Increases in Srinagar बरसात के दौरान नमी और उमस काफी बढ़ जाती है. जिसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. इन दिनों भी दमा यानी अस्थमा के मरीजों पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि अस्पतालों में दमा के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है. वहीं, डॉक्टरों ने दमा के मरीजों को खास सलाह भी दी है.

Asthma Patients Problem Increases in Rainy Season
बेस अस्पताल श्रीकोट में मरीज (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 16, 2024, 6:20 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 6:56 PM IST

बरसात में बढ़ी दमा की समस्या (वीडियो- ETV Bharat)

श्रीनगर:बरसात के मौसम में दमा के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बेस अस्पताल श्रीकोट में रोजाना 20 से ज्यादा दमे के मरीज पहुंच रहे हैं. जिस पर डॉक्टरों का कहना है कि सामान्य दिनों के मुकाबले इन दिनों मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है. ऐसे में मरीज इनहेलर की डोज को बढ़ा सकते हैं.

दमे के मरीज पर असर डाल रहा मौसम में बदलाव:दरअसल, गढ़वाल क्षेत्र के पर्वतीय जिलों के हायर सेंटर बेस अस्पताल श्रीकोट में दमे के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. रोजाना ओपीडी में 20 से 25 दमे के मरीज पहुंच रहे हैं. छाती एवं टीबी रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर विक्की बख्शी ने बताया कि इन दिनों मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में दमे के मरीजों पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है.

नमी और उमस के कारण मरीजों को हो रही समस्या:तापमान एक जैसा न होने नमी और उमस के कारण मरीजों के दम घुटने की समस्या हो रही है. उन्होंने बताया कि अन्य सामान्य दिनों में उनके पास 8 से 10 दमे के मरीज पहुंचते थे, लेकिन इन दिनों यह संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है. उनकी लगभग 35 मरीजों की ओपीडी हैं. डॉ. बख्शी ने कहा कि 40 साल से ज्यादा के उम्र के लोगों को काला दमा की शिकायत और इससे कम उम्र के मरीजों में सामान्य दमा पाया जाता है.

बेस अस्पताल श्रीकोट (फोटो- ETV Bharat)

सामान्य दमा के मरीज पहुंच रहे ज्यादा, काले दम से अटैक पड़ने की बढ़ जाती है संभावना:इन दिनों सामान्य दमा के मरीज ज्यादा हैं. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो यह काले दमा में परिवर्तित हो जाता है. साथ ही अटैक पड़ने की संभावना भी बनी रहती है. डॉ. विक्की बख्शी ने कहा कि स्किन प्रिक टेस्ट किट के लिए अस्पताल प्रशासन को डिमांड भेजी गई है, जिसका फायदा मरीजों को मिल पाएगा.

बरतें ये एहतियात:डॉक्टर विक्की बख्शी ने बताया कि सितंबर महीने तक सामान्य दमा के मरीजों को दिक्कतें आ सकती हैं. ऐसे में सावधानी बरतना बेहद आवश्यक है. ठंडे पानी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. साथ ही डॉक्टर से परामर्श लेकर इनहेलर की डोज को बढ़ाया जा सकता है.

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Last Updated : Aug 16, 2024, 6:56 PM IST

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