रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव में सीएम हेमंत और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बीच जंग काफी चर्चा में रही रही. ये दोनों नेता इंडिया और एनडीए गठबंधन की तरफ से फ्रंटफुट पर चुनावी जंग में थे. अब जब झारखंड विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और हेमंत सोरेन चुनाव जीतकर झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. तो इन दोनों नेताओं के बीच फिर से मुकाबला शुरू हो गया है. इस बार इसकी वजह सीएम हेमंत द्वारा लिया गया एक फैसला है.
दरअसल, 28 नवंबर को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक में कुछ फैसले लिए थे. इन फैसलों में असम के चाय बागानों में काम करने वाले झारखंड के आदिवासियों से जुड़ा भी फैसला लिया गया. सीएम हेमंत ने कहा कि असम के चाय बागानों में सालों पहले बसे झारखंड मूल के आदिवासियों की स्थिति जानने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल और वरिष्ठ अधिकारी असम जाएंगे.
गौरतलब है कि चुनाव के दौरान भी हेमंत सोरेन ने इस मुद्दे को उठाया था और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को पत्र भी लिखा था. जिसके बाद अब उन्होंने इसकी घोषणा की है.
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के असम में टीम भेजने के फैसले पर असम के सीएम ने पलटवार किया. उन्होंने बताया कि वे भी अपनी दो टीमें झारखंड भेजेंगे. हालांकि, उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि वे टीम वहां क्यों भेजेंगे. सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने असम में मीडिया से बात करते हुए कहा कि झारखंड की टीम असम आ रही है, उनका स्वागत है. उन्होंने यह भी बताया कि असम से भी दो टीमें झारखंड जाएंगी और वहां कुछ चीजें पता लगाएंगी.