जोधपुर: प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्यों के हटाने और आयोग को भंग करने के मामले पर पूर्व उपमुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के नेता सचिन पायलट से अलग राय रखते हैं. पायलट जहां आरपीएससी भंग करने को लेकर भजनलाल शर्मा सरकार पर हमलावर रहते हैं और कहते रहे हैं कि सरकार के पास इसको लेकर इच्छा शक्ति नहीं, अन्यथा आरपीएससी को भंग कर सकते हैं. जबकि अशोक गहलोत का कहना है कि कोई नियम या कानून है तो बताएं, जिससे आरपीएससी और यूपीएससी के सदस्यों को हटाया जा सके और इन संस्थाओं को भंग किया जा सके.
सोमवार को जोधपुर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में जब उनसे आरपीएससी को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि इसको लेकर लोगों में थोडी गलतफहमी है. आजादी के बाद केंद्र में यूपीएससी और राजस्थान में आरपीएससी का गठन किया गया. कानून बनाया गया, लेकिन इसके एक मेंबर को भी सरकार नहीं हटा सकती. यह सबको पता है कि जब मेंबर को कोई नहीं हटा सकता तो भंग कैसे कर सकते हैं? कोई तरीका है तो कोई बताए, हम भी सोचेंगे कि क्या कर सकते हैं? पूर्व सीएम ने कहा कि हमने बेरोजगारों को नौकरियां दी थी. सरकार को इस काम को आगे बढ़ाना चाहिए. पेपर लीक में जो भी आरोपी सामने आ रहे हैं, उनको जेल में डालो, किसने रोका है सरकार को. लेकिन सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय पेपर लीक के नाम पर नौकरियों में रुकावट बनी हुई है.