जयपुर :राजस्थान में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाएं बंद करने पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नाराज दिखे. गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी भी जताई. दरअसल, सरकारों के तख्ता पलट के साथ ही पहले रही सरकारों की योजनाओं पर कैंची चलाना और नाम बदलना राजनीतिक रवायत का हिस्सा रहा है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत का आरोप है कि मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने गहलोत राज की कई योजनाओं को बंद कर दिया है और कई योजनाएं के नाम बदल दिए हैं.
गहलोत ने उनकी योजनाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया है. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है. सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखे संदेश में गहलोत कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने सामाजिक और आर्थिक न्याय के लिए समावेशी दृष्टिकोण के अपने वादों को पूरा करने का ट्रैक रिकॉर्ड बनाया था, लेकिन, बीजेपी सरकार ने उनकी कई कल्याणकारी योजनाओं बंद कर दिया या कमजोर कर दिया. ऐसे में जनता में तीखी प्रतिक्रिया हो रही है.
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पीएम मोदी को गहलोत का मशविरा :पीएम मोदी को गहलोत ने सुझाव दिया कि पूर्व सरकार ने सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में कई ऐसी अनूठी योजनाएं बनाईं, जिनका आपको अध्ययन करना चाहिए. साथ ही उन्हें पूरे देश में लागू करना चाहिए, ताकि पता चल सके कि हमारे घोषणा पत्र के अनुसार लागू की गई कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद करने के कारण लोगों में कितनी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से ऐसा बयान देना बहुत दुखद है, जिनकी सरकार 2014 और 2019 में जनता से किए गए वादों को पूरा करने में विफल रही है. गहलोत बोले कि ओपीएस एक ऐसी योजना है, जिसने राज्य में कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा दिया है.
आयुष्मान योजना पर भी नाराजगी : पूर्व सीएम ने लिखा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने पूरे देश के सामने एक मिसाल कायम की, जिसका फायदा जनता को मिला. आयुष्मान योजना पर गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना में 70 साल से ज़्यादा उम्र के बुजुर्गों को ही महज 5 लाख रुपए का मुफ्त बीमा दिया जा रहा है. जबकि राजस्थान में कांग्रेस सरकार सारी जनता के लिए 25 लाख रुपए का कैशलेस बीमा लागू किया गया था. राजस्थान में भाजपा सरकार ने कांग्रेस सरकार की सभी योजनाओं को बंद कर दिया या कमजोर कर दिया, जिससे जनता में तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है.