पहली बार इस्तीफे के बाद केजरीवाल को मिला था रिकॉर्ड तोड़ समर्थन, जानिए अन्ना आंदोलन से लेकर अब तक की कहानी - ARVIND KEJRIWAL Resignation PLAN
ARVIND KEJRIWAL POLITICAL JOURNEY: आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दो दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है. अरविंद केजरीवाल 11 साल में तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं. आईए जानते हैं उनका मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक का सफर...
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद आज पार्टी कार्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने सीएम पद से दो दिन में इस्तीफा देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अब वह तब तक मुख्यमंत्री कुर्सी पर नहीं बैठेंगे जब तक की जनता उन्हें फिर से चुनाव में मुख्यमंत्री नहीं चुन लेती. केजरीवाल की इस तरह की घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में फिर से चर्चा तेज हो गई है. जहां बीजेपी केजरीवाल को भगोड़ा बता रही है तो वहीं इससे पहले जब वर्ष 2014 में केजरीवाल ने इस्तीफा दिया था, उस समय की भी यादें ताजा हो गई हैं.
2012 में हुआ आम आदमी पार्टी का गठन: रामलीला मैदान में वर्ष 2011 में हुए अन्ना आंदोलन के बाद नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन किया गया. उसके बाद दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ते हुए दिल्ली विधानसभा की 70 में से 28 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. साथ ही कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई. लेकिन, मुख्यमंत्री केजरीवाल की रामलीला मैदान में खुले में विधानसभा सत्र बुलाने की बात और विधानसभा से जन लोकपाल विधेयक पारित करने की बात पर कांग्रेस सहमत नहीं हुई.
जेल से घर पहुंचकर अरविंद केजरीवाल ने मां-पिता के पैर छूकर लिया आशीर्वाद, मां ने उतारी आरती (IANS)
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए केजरीवाल ने अचानक 49 दिन बाद ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद दिल्ली में करीब एक साल तक राष्ट्रपति शासन रहा. उसके बाद जब वर्ष 2015 में विधानसभा चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस जीरो हो गई और भाजपा सिर्फ तीन सीटों पर सिमट गई. जबकि, 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 32 सीटें जीतकर विधानसभा में सर्वोच्च प्रदर्शन किया था. लेकिन इसके बावजूद भाजपा सरकार नहीं बना पाई.
इस्तीफे से मजबूत होते हैं अरविंद केजरीवाल:14 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद जब दिल्ली में करीब एक साल तक राष्ट्रपति शासन रहने के बाद जब मध्यावधि चुनाव हुए तो केजरीवाल की पार्टी को उसका बहुत बड़ा फायदा मिला. पार्टी की सीटें विधानसभा में 28 से बढ़कर 67 पर पहुंच गई. इस मध्यावधि चुनाव में जहां कांग्रेस खत्म होकर जीरो पर पहुंच गई तो बीजेपी 32 सीटों से सिमट कर तीन पर रह गई. इसलिए इस बार देखना होगा कि केजरीवाल के अब विधानसभा चुनाव से 4 महीने पहले इस्तीफा देने पर उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में कितना लाभ मिलता है.
रिहाई के बाद रविवार को पहली बार पार्टी के नए कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के दौरान सीएम केजरीवाल ने अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. (IANS)
केजरीवाल का CM बनने से लेकर अब तक का सफर:
जून 2011 में तत्कालीन यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए अन्ना आंदोलन में शामिल हुए.
जन लोकपाल की मांग प्रमुखता से उठाई और अन्ना आंदोलन को मजबूती दी.
26 नवंबर 2012 को मनीष सिसोदिया, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण सहित अन्ना आंदोलन में शामिल अन्य लोगों के साथ मिलकर आम आदमी पार्टी का गठन किया.
दिसंबर 2013 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा.
जब चुनाव परिणाम घोषित हुए तो आम आदमी पार्टी ने सभी को चौंकाते हुए 28 सीटों पर जीत दर्ज की.
केजरीवाल ने खुद नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को करारी शिकस्त दी.
28 दिसंबर 2013 को केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
14 फरवरी 2014 को मात्र 49 दिन में कांग्रेस द्वारा विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पारित करने के लिए सहमत न होने पर केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
फरवरी 2015 में फिर से हुए विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने 70 में से 67 विधानसभा सीटें जीती.
14 फरवरी 2015 को केजरीवाल ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, इस बार केजरीवाल ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया.
फरवरी 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर से 62 सीटों पर जीत दर्ज की.
17 फरवरी 2020 को केजरीवाल ने तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
अगस्त 2022 में केजरीवाल सरकार पर दिल्ली में शराब घोटाला करने का आरोप लगा.
मार्च 2024 में ईडी ने शराब घोटाले के आरोप में केजरीवाल को उनके मुख्यमंत्री आवास से गिरफ्तार किया.
करीब डेढ़ महीने तक जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी.
25 जून को सीबीआई ने भी केजरीवाल को शराब घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया.
लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद 2 जून को अंतरिम जमानत की अवधि खत्म होने पर केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में सरेंडर किया.
12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा दर्ज केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतिम जमानत दे दी.
सीबीआई द्वारा दर्ज केस में जमानत न मिलने के कारण केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आ पाए.
13 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सीबीआई के मामले में स्थाई जमानत दे दी और केजरीवाल जेल से बाहर आए.