जर्मनी में 24 महीने से फंसी अरिहा नई दिल्ली:जर्मनी में फंसी गुजरात की बेबी अरिहा शाह के मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है. अरिहा को जर्मनी के फोस्टर केयर में लगभग 24 महीने से रखा गया है. इस मामले में बच्ची की मां लगातार मोदी सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रही है. इसी बीच बच्ची की मां धारा शाह ने शुक्रवार को फिर से दिल्ली के जंतर मंतर पर अपनी बेटी की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किय़ा. इस दौरान प्रगतिशील महिला संगठन और AIDWA ने अरिहा शाह की रिहाई की मांग का समर्थन किया.
प्रदर्शन के दौरान बच्ची अरिहा की मां धारा शाह ने कहा कि इस मामले में अरिहा के मानवाधिकार और बाल अधिकार सुरक्षित नहीं हैं. अरिहा को मंदिर नहीं ले जाया जाता. उससे उसका धर्म और भारतीय संस्कृति छीनी जा रही है. उन्होंने कहा कि ''हम लोग कई मंत्रियों, सांसदों से मिले और मदद मांगी. भारत सरकार ने हमारी मदद भी की है लेकिन यह मामला काफी बड़ा हो गया है. अब मेरी बच्ची से मुझे सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी ही मिला सकते हैं. अगर वह हस्तक्षेप करेंगे तो जर्मन की सरकार भी सुनेगी.
यह है पूरा मामला:अरिहा जब सात महीने की थी तब उसके माता-पिता को उसके डायपर पर खून दिखा था. इस पर उसकी मां उसे डॉक्टर के पास ले गई. डॉक्टर ने बच्ची का चेकअप कर उसे स्वस्थ बताया और उसे वापस भेज दिया. कुछ दिनों बाद अरिहा की मां धारा शाह को चाइल्ड केयर ने बुलाया और बच्ची को वापस ले जाने के लिए कहा. चाइल्ड केयर ने अरिहा के मां-बाप पर बच्ची से सेक्सुअल एब्यूज का आरोप लगाया. हालांकि, जिस हॉस्पिटल ने सेक्सुअल एब्यूज का आरोप लगाया था, उसने बाद में यह आरोप वापस ले लिया लेकिन चाइल्ड केयर ने बच्ची को उसके परिवार को नहीं सौंपा.
उसके बाद जर्मनी की कोर्ट ने बच्ची की सुरक्षा को देखते हुए उसकी कस्टडी उसके माता-पिता को देने की बजाय जर्मनी यूथ वेलफेयर ऑफिस को दी. कोर्ट का मानना है कि माता-पिता ने जानबूझकर बच्ची को चोट पहुंचाई. वहीं, परिजनों ने दावा किया कि बच्ची को नहलाने के दौरान यह चोट लगी, लेकिन कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया. 27 महीने की अरिहा शाह 24 महीने से अधिक समय से बर्लिन में बाल देखभाल गृह में रह रही है.