अंजन हिल्स खदान हादसा के 14 साल पूरे, 15 अफसर कर्मचारियों की हुई थी मौत, एसईसीएल प्रबंधन ने दी श्रद्धांजलि - Chirmiri Coal Mines Accident - CHIRMIRI COAL MINES ACCIDENT
Anjal Hills mine accident चिरमिरी में 6 मई 2010 को अंजन हिल्स माइंस में हादसा हुआ था. इस हादसे में असमय 15 श्रमिकों की जान चली गई थी. चिरमिरी क्षेत्र के अंजन हील अंडरग्राउंड माइन्स में हुए भीषण दुर्घटना में प्राणों को न्यौछावर करने वाले श्रमिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. शहीद स्मारक में विशेष कार्यक्रम का आयोजन करते हुए महाप्रबंधक चिरमिरी क्षेत्र नवनीत श्रीवास्तव के नेतृत्व में शोक सभा का आयोजन करके श्रद्धांजलि अर्पित की गई.Chirmiri Coal Mines Accident
अंजन हिल्स खदान हादसा के 14 साल पूरे (Etv Bharat Chhattisgarh)
एसईसीएल प्रबंधन ने दी श्रद्धांजलि (Etv Bharat Chhattisgarh)
मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : 6 मई 2010 को अंजन हिल भूमिगत खदान में हुई दुर्घटना में चिरमिरी क्षेत्र के महाप्रबंधक संचालन SK गोस्वामी के साथ-साथ कई श्रमिकों की मौत हुई थी. जिसे मद्देनजर रखते हुए हर वर्ष मई महीने के 06 तारीख को शहीद श्रमिकों को श्रद्धांजलि दी जाती हैं.
एसईसीएल प्रबंधन ने श्रमिकों को दी श्रद्धांजलि :इसी कड़ी में शहीद हुए श्रमिकों को मुख्य महाप्रबंधक के नेतृत्व में उपस्थित अधिकारी कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया गया.
15 अफसर कर्मचारियों की हुई थी मौत (Etv Bharat Chhattisgarh)
'' 6 मई 2010 को बहुत ही दुखद दुर्घटना कोल इंडस्ट्री में हुई थी. 15 कर्मवीर कोल माइन में शहीद हुए थे. जिन्हें नमन करते हुए आज याद किया जा रहा है. पूरा चिरमिरी परिवार उनको याद कर रहा है.साथ ही ये शपथ भी ली जा रही है कि इस प्रकार की दुर्घटना किसी भी खदान पर ना हो''- संजय तिवारी, श्रमिक नेता
जितना शोक करें उतना कम :वहीं श्रमिक नेता देवेंद्र नाथ शर्मा ने बताया कि 2010 की दुर्घटना दुर्भाग्यजनक थी. हमने अपने परिवार के कुछ लोगों को आजीवन के लिए खो दिया.आज के दिन हम जितना शोक व्यक्त करें उतना कम है. उन परिवारों को हमने देखा है. प्रबंधन ने भी ध्यान दिया है और काम कर रहे हैं. हम ईश्वर से यही प्रार्थना करते हैं कि इस प्रकार की घटना दोबारा ना हो.
''2010 में कोल डस्ट और फायर डफ एक्सपोजन हुआ था. उसमें कुल 15 साथी शहीद हुए थे.उसके बाद से ये खदान बंद हो गई थी.हम लोग प्रतिवर्ष यहां पर आकर स्मारक पर उन शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.'' नवनीत श्रीवास्तव,मुख्य महाप्रबंधक
कब हुआ था हादसा ? :आपको बता दें कि 1995-96 में अंजनहिल भूमिगत खदान बरतुंगा खुली थी.खदान से रोज 3 हजार टन कोल उत्पादन होता था.जिसमें 3 हजार से अधिक अधिकारी कर्मचारी ड्यूटी करते थे. लेकिन साल 2010 में खदान में हादसा हुआ. जिसमें जीएम ऑपरेशन, 5 इंजीनियर समेत 15 अधिकारी-कर्मचारियों की मौत हुई थी. इस हादसे के बाद खदान बंद हो गई. एसईसीएल ने बंद हुई खदान को चालू करने के लिए इसे निजी हाथों को दिया है.