जोधपुर :अनीता चौधरी हत्याकांडमामले का धरना समाप्त हो चुका है और उनके शव का अंतिम संस्कार भी हो चुका है, लेकिन पुलिस परिजनों से अभी तक बयान नहीं ले पाई है. बुधवार को पुलिस ने एक बार फिर इसको लेकर प्रयास किया, लेकिन परिजन बयान देने से इनकार कर रहे हैं. परिजनों अड़े हुए हैं कि जांच सीबीआई करेगी तो वो उन्हें ही बयान देंगे. इसको लेकर बुधवार को पुलिस नोटिस लेकर घर पहुंची, लेकिन अनीता के पति मनमोहन चौधरी और पुत्र राहुल चौधरी दोनों वहां नहीं मिले. बता दें कि 19 अक्टूबर को धरना समाप्त करते समय सीबीआई जांच की घोषणा विधायक भैराराम सियोल ने की थी, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इसकी अनुशंसा किया जाना सामने नहीं आया है.
अभी जांच पुलिस के पास है. आरोपी रिमांड पर चल रहा है. ऐसे में परिजनों के बयान काफी अहम हैं, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हैं. हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. : सुनील पंवार, एडीसीपी (जांच अधिकारी)
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दुकान की तलाशी भी नहीं हुई :पुलिस परिजनों के बयान के साथ-साथ अनीता की ब्यूटी पार्लर की तलाशी भी करना चाहती है, लेकिन परिजन इसके लिए भी तैयार नहीं है. बुधवार को पुलिस घर गई तो दोनों पिता पुत्र नहीं मिले. वहां पर नोटिस चस्पा किया गया.
गुलामुद्दीन का भी पॉलीग्राफी टेस्ट से इनकार :पुलिस मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन, अनीता की सहेली सुनीता और सुमन, व्यवसायी तैयब अंसारी का टेस्ट करवाने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें तीनों ने अपने अधिवक्ता के मार्फत पर पॉलीग्राफ करने से इनकार कर दिया है.
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अब तक लूट पर टिकी है पुलिस की पड़ताल :पुलिस की अब तक की पड़ताल में सामने आया कि गंगाना निवासी गुलामुद्दीन फारूकी ने अनीता के सोने के जेवर लूटने के लिए अपने घर बुलाकर हत्या की है, लेकिन यह वजह अभी किसी के गले नहीं उतर रही है. पुलिस के कई अधिकारी उससे पूछताछ कर चुके हैx, जिसमें गुलामुद्दीन अभी तक इसी बात कायम है कि उसने लूट के लिए हत्या की है.
सीबीआई मांग माने जाने पर उठा था धरना :27 अक्टूबर को लापता हुई अनीता चौधरी का शव 30 अक्टूबर को 6 टुकड़ों में मिला था. शव मिलने के बाद परिजन पहले मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे. बाद में अन्य मांगों के साथ ही सीबीआई से जांच की मांग भी जुड़ गई. इसको लेकर 18 नवंबर को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल जोधपुर आए थे. 19 नवंबर को पुलिस के साथ वार्ता में सीबीआई जांच की अनुशंसा सरकार की ओर से करने पर सहमति देने पर धरना समाप्त हुआ था.
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