उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

बकरी पालन से पशुपालकों को होगी छप्परफाड़ कमाई, जानें वजह - Uttarakhand Government - UTTARAKHAND GOVERNMENT

Uttarakhand Government उत्तराखंड में पशुपालक 'गोट वैली ' योजना के तहत बकरी पालन करके अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकते हैं. दरअसल लाभार्थियों को 20 बकरी और एक बकरा खरीदने पर 30 हजार रुपये की राजकीय सहायता राशि दी जाएगी. जिससे पशुपालक अच्छी कमाई कर सकते हैं. पढ़ें पूरी खबर.....

Uttarakhand Government
बकरी पालन करके पशुपालक होंगे मालामाल (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 21, 2024, 3:12 PM IST

हल्द्वानी:उत्तराखंड सरकार पहाड़ों के किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में पशुपालक बकरी पालन कर अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकते हैं. दरअसल राज्य सरकार 'गोट वैली ' योजना के तहत पशुपालकों को प्रोत्साहित कर रही है. इस योजना के तहत बकरियां खरीदने के लिए सरकार द्वारा रुपए दिए जाएंगे.

'गोट वैली' योजना के तहत लाभार्थियों को 20 बकरी और एक बकरा खरीदने पर 30 हजार रुपए की राजकीय सहायता राशि दी जाएगी, जबकि काश्तकारों को तीन वर्ष के लिए उत्तराखंड भेड़ बकरी पालक सहकारी समिति से 30 हजार रुपए का ऋण भी दिया जाएगा. जिससे पशुपालक अपनी 20 बकरियां और एक बकरे को खरीद सके. इसके अलावा बकरियों के बाड़ा तैयार करने के लिए 50,000 रुपए की सहायता भी दी जा रही है. ये बाड़ा मनरेगा योजना के तहत तैयार होगा.

कुमाऊं मंडल के पशुपालन विभाग के अपर निदेशक उदय शंकर ने बताया कि कुमाऊं मंडल के सभी पर्वतीय जिलों में इस योजना को शुरू किया गया है. योजना के पहले चरण में 100 क्लस्टर तैयार किए गए हैं. जिसमें 100 पशुपालकों को शामिल किया गया है, जहां प्रति पशुपालकों को 20 बकरी और एक बकरा उपलब्ध कराया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक 2000 से अधिक बकरियों का पालन किया जा चुका है. वहीं, अब इस योजना के तहत करीब 500 पशुपालक जुड़ने जा रहे हैं.

उदय शंकर ने बताया कि जो पशुपालक इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वह पशुपालन विभाग के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकते हैं या उत्तराखंड पशुपालन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट https://ahd.uk.gov.in/ आवेदन कर सकता है. उन्होंने बताया कि बकरी पालकों के उनके उत्पादन की मार्केटिंग की भी व्यवस्था की गई है. जिसके तहत पशुपालक उत्तराखंड सीप बोर्ड के माध्यम बकरियों के मीट और दूध को बेच सकते हैं.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details