अमेठी/रायबरेली :उत्तर प्रदेश के अमेठी में दलित शिक्षक परिवार के चार लोगों की गोली मारकर निर्मम हत्या के मामले में एक नया एंगल सामने आया है. गुरुवार को अज्ञात बदमाशों ने शिक्षक उसकी पत्नी और दो बच्चों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. मृतक की पत्नी ने आरोप लगाते हुए 18 अगस्त को रायबरेली जिले में चंदन वर्मा नाम के युवक के खिलाफ छेड़छाड़ व मारपीट का मुकदमा दर्ज कराया था. मृतका ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाते हुए जान का खतरा बताया था.
रायबरेली में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, मृतका ने तहरीर दी थी कि वह जिले के एक निजी हॉस्पिटल में अपने बच्चे की दवा कराने आई थी. उसका आरोप था कि इस दौरान रायबरेली के रहने वाले चन्दन वर्मा ने अश्लील हरकत का प्रयास किया. विरोध करने पर मुझे और मेरे पति को थप्पड़ मारे. जान से मारने की धमकी दी. जाति सूचक गालियां दीं, साथ ही जान से मारने की धमकी दी. आरोप है कि इसके पहले भी वह जान से मारने की धमकी दे चुका है. मेरे परिवार को जान का खतरा है. यदि भविष्य में मेरे या मेरे पति की कोई घटना या दुर्घटना होती है तो उसका जिम्मेदार चन्दन वर्मा ही होगा. इस तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था.
यह था मामला :जिले में किराये के एक मकान में शिक्षक (35 वर्ष) अपनी पत्नी, दो बच्चों के साथ रहते थे. गुरुवार की शाम कुछ असलहाधारी लोग उनके आवास पर पहुंचे. बदमाशों ने शिक्षक को निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. गोली लगने से शिक्षक उसकी पत्नी और दो बच्चों की मौत हो गई थी. फिलहाल पुलिस की टीमें घटना के अनावरण के लिए लगा दी गई हैं. हमलावर अभी तक फरार है.
पिता ने कहा, मजदूरी करके पुलिस में हुआ था भर्ती : रायबरेली के रहने वाले एक शिक्षक, उसकी पत्नी व दो मासूम की अमेठी में अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी. बदमाश वारदात को अंजाम को देकर मौके से फरार हो गए. मृतक सरकारी स्कूल में शिक्षक था. घटना के बाद मौके पर भारी तादात में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. मृतक के पिता ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं. मजदूरी के बाद वह जैसे ही घर आए उन्हें सूचना मिली कि उनके बेटे के साथ-साथ उनकी बहू और बच्चों को मार दिया गया है. उन्होंने बताया कि उनका बेटा पहले भट्ठे पर ईंट पाथने का काम करता था. नरेगा में काम किया. मेहनत मजदूरी की. दुकान भी खोली, लेकिन साथ में पढ़ाई करके उसने पुलिस की नौकरी भी हासिल की थी. वह एक साल तक पुलिस की नौकरी में रहा. पुलिस की नौकरी में उसका मन नहीं लगा तो उसके बाद उसने सरकारी शिक्षक बनने की ठानी और वह सरकारी टीचर बन गया.