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अंबिकापुर के इस पंचायत की हर दूसरी महिला किसान है लखपति, खेती से कर रही बंपर कमाई - अंबिकापुर लखपति महिला किसान

Ambikapur Millionaire Women By farming अंबिकापुर की महिलाओं ने अपनी तकदीर खुद बनाई है. खेती कर ये महिलाओं अब ना सिर्फ नोट कमा रही है बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा भी बनी है.

Ambikapur Millionaire Women By farming
अंबिकापुर की महिला किसान

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 21, 2024, 10:35 AM IST

Updated : Feb 21, 2024, 11:40 PM IST

अंबिकापुर की लखपति महिला किसान

सरगुजा:गांव गांव में महिलाओं को सशक्त बनाने सरकार कई योजनाएं चल रही हैं. लेकिन कुछ योजनाओं ने महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया हैं. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सरगंवा पंचायत की महिलाएं इन्हीं योजनाओं का फायदा उठाकर महीने भर में ही करीब 1 लाख रुपये की कमाई कर रही है.

सरगंवा पंचायत में 52 समूह है. क्षेत्र की 520 महिलाएं इन समूहों से जुड़ी है. इन महिलाओं में से 406 ऐसी महिलाएं हैं जो समूह के जरिए लोन लेकर खेती, मुर्गी, मछ्ली, बतख पालन, कड़कनाथ पालन कर अच्छी कमाई कर रही है. इन समूहों का लगभग 5 करोड़ 10 लाख का लोन स्वीकृत हुआ है. ऐसी ही कुछ महिलाओं को बारे में आपको बता रहे हैं जो खेती कर लखपति महिला किसान बन गई हैं.

लखपति महिला किसान बनी सीमा: सरगंवा की 32 वर्षीय महिला सीमा विश्वास जिनके पास खुद की महज 2 एकड़ जमीन है, लेकिन वो 4 से 5 एकड़ जमीन लीज पर लेती हैं और अलग अलग तरह की खेती कर लाभ कमा रही हैं. सीमा ने नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन से ट्रेनिंग ली और 4 लाख का लोन लेकर खेती शुरू की. मक्के की खेती में ढाई लाख का मुनाफा हुआ. ये मुनाफा सिर्फ 5 महीने की मक्के की फसल से मिला. इसके अलावा खीरा की 1 एकड़ की फसल में सिर्फ 30 से 35 हजार की लागत में डेढ़ लाख का फायदा हुआ. गोभी की फसल से भी लगभग डेढ़ लाख की कमाई हुई.

हर महीने 75 हजार रुपये की खेती: समूह से साढ़े 4 लाख का लोन लेकर खेती कर रही है. हर महीने 75 हजार रुपये की कमाई कर रही है. खेती के अलावा सीमा गाय पालन भी करती हैं और दूध बेचकर पैसे कमाती हैं. सीमा से प्रेरित होकर क्षेत्र की कई महिलाओं ने खेती किसानी शुरू कर दी और लाभ कमा रही है.

शादी होकर जब सरगंवा आई थी. हमारे पास ज्यादा जमीन नहीं थी. घर की हालत भी काफी खराब थी. जो जमीन थी उस पर भी खेती नहीं होती थी. साल 2014 से खेती शुरू की. जो जमीन थी उस पर पहली बार 50 किलो आलू लगाए जिस पर पहली बार 20 हजार रुपये का फायदा हुआ. तब से हमने किराए पर जमीन लेकर खेती करना शुरू कर दिया. काफी फायदा हो रहा है. पहले मिट्टी का घर था अब अच्छा घर बना लिए हैं. बच्चे भी अच्छे स्कूल में पढ़ रहे हैं. - सीमा विश्वास, महिला किसान, मजलीपारा


पति की मौत के बाद भी नहीं छोड़ी खेती: ऐसी ही एक और महिला किसान है नमिता राय. नमिता के पति का निधन साल 2017 में हो गया. दो बच्चे हैं. एक बूढ़ी सास है. पति की मौत के बाद घर की जिम्मेदारी नमिता पर आ गई. पति पत्नी मिलकर पहले से ही खेती करते थे. पति की मौत के बाद नमिता ने खेती के काम को आगे बढ़ाया. समूह से लोन लेकर अलग अलग खेती करने लगी.

साग सब्जी, मटर, केला, गांठगोभी की खेती करती हूं. फसल को साप्ताहिक बाजार में बेचती हूं. इसके अलावा गाय, बतख और कड़कनाथ मुर्गी भी पालती हूं. दूध, अंडे, बतख और मुर्गियां भी बेचती हूं. खेती से ही घर चल रहा है. समहू से लोन लेकर काम को आगे बढ़ाती हूं-नमिता राय, महिला किसान

जागृति समूह से जुड़कर सरगंवा की महिलाएं लोन ले रही है और अपनी आजीविका को आगे बढ़ा रही हैं. छोटी सी ही जगह पर कई अलग अलग खेती कर रही है. लहसुन इस समय काफी महंगा है तो कई महिलाओं ने लहसुन से अच्छी कमाई की. - सपना बैरागी, समूह की सदस्य

आज के इस समय में ना सिर्फ गांव की महिलाएं बल्कि बड़ी बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करने वाली महिलाएं भी नौकरी छोड़कर खेती का रुख कर रही है. पढ़ी लिखी महिलाएं ज्यादा एडवांस तरीके से टेक्नोलॉजी की उपयोग करते हुए फार्मिंग कर रही हैं. खेती से ना सिर्फ वह लाखों रुपये की कमाई कर रही है बल्कि कई लोगों को रोजगार देने वाली भी बन रही हैं.

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Last Updated : Feb 21, 2024, 11:40 PM IST

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