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गांवों में पाइपलाइन बिछाने में भ्रष्टाचार का आरोप, पूर्व मंत्री ने कहा- प्रदेश भर में हो काम की जांच - FORMER MINISTER MLA GOPAL BHARGAVA

मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल भार्गव ने कहा है कि जल जीवन मिशन के तहत गांव-गांव तक पाइपलाइन बिछाने की योजना की जांच होनी चाहिए.

FORMER MINISTER GOPAL BHARGAVA
मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 4:57 PM IST

सागर:सरकार का दावा है कि जल्द ही प्रदेश के सभी गांवों में घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए टंकी बनाने और पाइपलाइन बिछाने का काम चल रहा है. वहीं दूसरी तरफ सत्ताधारी दल के नेता ही इस योजना पर सवाल उठा रहे हैं. पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने पाइपलाइन बिछाने से हुए सड़कों के नुकसान और भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की है.

क्या है पूरा मामला और क्या हैं आरोप

दरअसल जल जीवन मिशन और जल निगम के अंतर्गत प्रदेश के सभी गांवों में घर-घर पानी पहुंचाने की योजना पर बड़े पैमाने पर काम किया गया. आरोप है कि काम करने वाली एजेंसियों और ठेकेदारों ने इस योजना में जमकर लापरवाही और भ्रष्टाचार किया. पाइपलाइन बिछाई गई तो सड़कों को खोद दिया गया लेकिन दोबारा उनकी मरम्मत नहीं की गई. घर-घर पानी पहुंचाने की योजना तो पूरी नहीं हुई, उलटे गांवों की सड़कें बर्बाद हो गईं.

मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल भार्गव (Etv Bharat)

वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव कहते हैं "मेरे विधानसभा क्षेत्र के तमाम गांवों में यही हाल है. प्रदेश के 52 हजार गांव में इस योजना के अंतर्गत ऐसा ही काम हुआ है. इसलिए मामले की जांच कराई जानी चाहिए."

गांवों में पाइपलाइन बिछाने में भ्रष्टाचार का आरोप (Etv Bharat)

क्या कहना है पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव का

पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल भार्गव का कहना है "मेरे विधानसभा के अलावा प्रदेश के तमाम 52 हजार गांवों में योजना के अंतर्गत भारी भ्रष्टाचार हुआ है जिसकी जांच होनी चाहिए. ये चिंता का विषय है कि हम जिस गांव में भी जाते हैं, वहां की सड़के टूट गई हैं. पाइप लाइन पूरी तरह से बिछी नहीं है. पाइपलाइन बिछाई गई, तो पानी नहीं पहुंच रहा है. पाइपलाइन बिछने के बाद सड़कों को दुरूस्त नहीं किया जा रहा है."

उन्होंने कहा, "प्रदेश के सभी गांवों में ये कार्यक्रम चल रहा है. विधानसभा में भी मैंने सुझाव दिया था कि मामले में या तो विधायकों की कमेटी बनाओ या सेक्रेटरी लेवल की कमेटी बनाओ. 52 हजार गांव में व्यवस्था सुधारने के लिए उच्च स्तरीय प्रयास करना होगा."

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