प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के ऐसे शिक्षकों को जिन्होंने एड हॉक और नियमित के रूप में सेवाएं दी हैं, उनको ग्रेच्युटी पाने का हकदार माना है. कोर्ट ने कहा कि पेंशन व अन्य परिलाभों के लिए अहर्कारी सेवा में एड हॉक और नियमित दोनों सेवाओं को जोड़ा जाएगा. श्यामा देवी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने याची के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी की दलीलें सुनने के बाद दिया.
याची के पति कलंदर त्रिपाठी आदर्श इंटर कॉलेज रॉबर्ट्सगंज सोनभद्र में वर्ष 1988 में एड हॉक सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त हुए. 1998 से उनको सेवा में नियमित कर दिया गया. वर्ष 2012 में 56 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. याची ने पेंशन और ग्रेच्युटी सहित अन्य परिलाभों के लिए आवेदन किया. मंडलीय उप शिक्षा निदेशक विंध्याचल मंडल मिर्जापुर ने याची को ग्रेच्युटी के भुगतान से यह कहते हुए इनकार कर दिया की 1 मार्च 21 के शासनादेश के अनुसार याची की पेंशन के लिए अहर्कारी सेवा उसके नियमित होने की तिथि से जोड़ी जाएगी.