प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र न्यायालय या विचारण न्यायालय को लोअर कोर्ट अथवा अधीनस्थ न्यायालय कहे जाने का चलन उचित नहीं है. कोर्ट ने हाईकोर्ट के महानिबंधक को यह निर्देश दिया कि वह इस संबंध में एक परिपत्र जारी कर हाईकोर्ट कार्यालय को निर्देशित करें कि सेशन कोर्ट के संबंध में लोअर कोर्ट के बजाय ट्रायल कोर्ट का संबोधन करें. मेरठ के शमशाद अली की ओर से दाखिल अपराधिक पुनरीक्षण अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति समित गोपाल ने यह आदेश दिया.
दरअसल, उक्त मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हाईकोर्ट कार्यालय को 27 अक्टूबर 2023 को निर्देश दिया था कि उक्त मामले से संबंधित ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड मंगाया जाए. इस पर हाईकोर्ट कार्यालय ने 10 दिसंबर 2023 को अपनी रिपोर्ट में कहा कि लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड अभी तक नहीं आया है. इस पर कोर्ट ने ऑफिस को रिमाइंडर भेजने का निर्देश दिया. मामले की सुनवाई से पूर्व 12 फरवरी को हाईकोर्ट कार्यालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लोअर कोर्ट का रिकॉर्ड आ गया है.