प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताई है. हिन्दू हॉस्टल चौराहे पर बैरिकेडिंग लगाकर वकीलों को न्यायालय आने से रोकने. उनके साथ पुलिस द्वारा बुरी तरह मारपीट की घटना को लेकर हाईकोर्ट बार की आपराधिक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि ट्रैफिक मैनजमेंट फेल है. कोर्ट ने जगह जगह लगाए गए बैरिकेडिंग पर भी सवाल उठाया. कोर्ट ने मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, डीएम प्रयागराज, मेलाधिकारी, डीसीपी ट्रैफिक को हलफनामे पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कहा कि सरकार वकीलों से मार पीट की घटना की निष्पक्ष जांच कराए. जांच डीसीपी स्तर के अधिकारी से कराई जाए. यह भी बताया जाए कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे. कोर्ट ने अगली सुनवाई पर विभागीय जांच की स्थिति से भी अवगत कराने के लिए कहा है.मामले में अगली सुनवाई 14 फरवरी को होगी.
इससे पहले सुनवाई शुरू होते ही हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने घटना पर अपना पक्ष प्रस्तुत किया. कहा कि घटना के समय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद था लेकिन कार्रवाई केवल दो दारोगाओं के खिलाफ हुई. उनकी अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. साथ ही पुलिस अधिकारियों ने हाईकोर्ट के वर्ष 2005 के आदेशों का अनुपालन नहीं किया. अनिल तिवारी ने कहा कि वकीलों के साथ मारपीट की कई घटनाएं हुई हैं. इसे लेकर वह हलफनामा तैयार कर रहे हैं जिसमें प्रमाण सहित घटनाओं का जिक्र किया जाएगा.
अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और शासकीय अधिवक्ता एके संड ने इस पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. कोर्ट ने उन्हें सप्ताह भर का समय देते हुए आगे सुनवाई के लिए 14 फरवरी की तारीख लगा दी. हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष इस घटना को लेकर कार्यवाही करने का लिखित अनुरोध किया था, इस पर मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने लिखित शिकायत करने पर आपराधिक जनहित याचिका कायम कर सुनवाई के लिए पेश करने का आदेश दिया था.