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हाईकोर्ट ने सीजेएम वाराणसी की केंद्र सरकार की सेवा को पेंशन में जोड़ने पर विचार करने का आदेश दिया - ALLAHABAD HIGH COURT ORDER

दो राज्यों में करार न होने की शर्त पर विशेष सचिव ने पूर्व सेवा जोड़ने से इनकार कर दिया था.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 19, 2025, 9:44 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश शासन के विशेष सचिव को सीजेएम वाराणसी की निदेशालय प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा नई दिल्ली की सेवा को पेंशन में जोड़ने पर दो माह में विचार करने का निर्देश दिया है. साथ ही राज्य सरकार के दिल्ली सरकार से करार के अभाव में निदेशालय की सेवा जोड़ने से इनकार करने के विशेष सचिव के आदेश को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि याची की पूर्व सेवा केंद्र सरकार की रही है, इसलिए दिल्ली सरकार से करार न होने का प्रश्न ही नहीं उठता.

कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के 16 सितंबर 2011 के शासनादेश में केंद्र सरकार से करार की आवश्यकता नहीं है, इसलिए याची की निदेशालय की पूर्व की सेवा जोड़ी जानी चाहिए. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने अश्वनी कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है. याची के अधिवक्ता आशुतोष त्रिपाठी का कहना था कि याची 20 सितंबर 2004 को निदेशालय प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा नई दिल्ली में क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर के पद पर नियुक्त हुआ.

27 जुलाई 2015 को न्यायिक सेवा में नियुक्ति हुई तो याची ने पेंशन सुविधा के लिए निदेशालय की केंद्र सरकार की सेवा जोड़ने की मांग की. निदेशालय का सेवा प्रमाणपत्र भी पेश किया लेकिन विशेष सचिव ने यह कहते हुए मांग निरस्त कर दी कि दिल्ली सरकार से ऐसा करार नहीं है. विशेष सचिव का कहना था कि दूसरे राज्य से परस्पर करार जरूरी है. इसे याचिका में चुनौती दी गई.

हाईकोर्ट ने 16 सितंबर 2011 के शासनादेश के उपखंड 3(1) की व्याख्या करते हुए कहा कि याची दिल्ली सरकार की सेवा में नहीं था, वह केंद्र सरकार की सेवा में था इसलिए दिल्ली सरकार से करार का सवाल नहीं है. साथ ही केंद्र सरकार की सेवा जोड़ने ने दो राज्यों के बीच करार की शर्त लागू नहीं होगी.

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