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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग की प्रोन्नति सूची निरस्त करने का आदेश रद्द किया - ALLAHABAD HIGH COURT

प्रभावित लोगों का पक्ष सुने बिना सचिव ने जारी किया था आदेश.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 7:31 PM IST

प्रयागराज:बेसिक शिक्षा विभाग में अध्यापकों की प्रोन्नति सूची रद्द करने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज के आदेश को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. कोर्ट ने सचिव के आदेश के क्रम में जारी बीएसए बुलंदशहर के आदेश को भी रद्द कर दिया है. बुलंदशहर के आदित्य कुमार और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने कहा कि सचिव का आदेश नैसर्गिक न्याय का स्पष्ट उल्लंघन है. आदेश जारी करने से पूर्व प्रभावित पक्ष और याचियों को सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया.

याचियों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी का कहना था कि बेसिक शिक्षा विभाग की 2015 में जारी प्रोन्नति सूची को बुलंदशहर सहित कई जिलों के अध्यापकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. जिस पर हाईकोर्ट ने 11 मार्च 2024 के आदेश में याचियों और सभी प्रभावित पक्ष की आपत्तियों पर सुनवाई के बाद आदेश पारित करने का सचिव को आदेश दिया था.

इस आदेश के परिपेक्ष्य में सचिव ने 9 दिसम्बर 2024 को पूरी प्रोन्नति सूची रद्द कर दी और बीएसए बुलंदशहर ने भी 10 दिसंबर को इस संबंध में आदेश पारित कर दिया. यह आदेश जारी करने से पूर्व याचियों को न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही उनका पक्ष सुना गया.

इसलिए सचिव और बीएसए का आदेश नैसर्गिक न्याय का हनन के साथ ही हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना भी है. कोर्ट ने कहा कि याचियों को सुनवाई का मौका न देना नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है. कोर्ट ने सचिव और बीएसए के आदेश को रद्द करते हुए छह सप्ताह में नए सिरे से सभी का पक्ष सुन कर आदेश पारित करने के लिए कहा है.

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