नई दिल्ली: 1984 के सिख विरोधी दंगों के मुख्य आरोपी सज्जन कुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से उम्रकैद की सजा मिलने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक जरनैल सिंह ने मांग की है कि सिर्फ सज्जन कुमार ही नहीं बल्कि दंगों में शामिल सभी दोषियों को सजा मिलनी चाहिए, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से जुड़े हों. उन्होंने ये भी कहा कि देरी से मिला न्याय, न्याय नहीं होता है. सज्जन कुमार को फांसी की सजा होनी चाहिए.
जरनैल सिंह ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में सिर्फ कांग्रेस के लोग ही नहीं, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े लोग भी शामिल थे. अगर न्याय की बात की जाए, तो उन सभी को सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर भाजपा द्वारा एसआईटी (विशेष जांच दल) के जरिए न्याय दिलाने का दावा किया जा रहा है, तो भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोगों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?
जरनैल सिंह ने मांग की है कि जिन नेताओं के नाम दंगों में शामिल होने के आरोप में सामने आए हैं, उनकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए. जरनैल सिंह ने आरोप लगाया कि 1984 के दंगों में न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा और आरएसएस से जुड़े नेताओं की भी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि यह न्याय की लड़ाई है, न कि किसी पार्टी विशेष के खिलाफ, चाहे वह कांग्रेस का नेता हो, भाजपा का हो या आरएसएस से जुड़ा हो, अगर वह दोषी है तो उसे सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा अपनी एसआईटी पर विश्वास करती है, तो उसे अपने नेताओं के खिलाफ भी निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए. कातिल तो कातिल होता है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो.
तरविंदर सिंह मरवाह व कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान का हवाला दियाःजरनैल सिंह ने भाजपा विधायक तरविंदर सिंह मरवाह और पूर्व कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने खुद कहा था कि 1984 के दंगों में भाजपा और आरएसएस के लोग शामिल थे. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सच में न्याय दिलाने के लिए ईमानदार है, तो उन्हें अपने नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए. जरनैल सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई किसी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि उन सभी दोषियों के खिलाफ हैं, जिन्होंने निर्दोष सिखों का कत्ल किया.
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