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यूजीसी नेट: एएमयू की तमकीन फातिमा ने बिना कोचिंग हासिल की दूसरी रैंक, क्या है सफलता का राज?

Aligarh Muslim University :यूजीसी नेट की परीक्षा में पहले प्रयास में 99.9933 पर्सेंटाइल हासिल किया.

माता पिता के साथ तमकीन फातिमा.
माता पिता के साथ तमकीन फातिमा. (Photo Credit : ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 2:09 PM IST

अलीगढ़ :अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) शिक्षा को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है. यहां के छात्र-छात्राएं हमेशा नई नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए जाने जाते हैं. इस बार एएमयू की छात्रा तमकीन फातिमा ने अपने पहले प्रयास में यूजीसी नेट की परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर दूसरी रैंक हासिल की है. तमकीन ने यह उपलब्धि बिना कोचिंग के हासिल की है. ऐसे में हर कोई तारीफ कर रहा है. तमकीन ने अपनी उपलब्धि का श्रेय परिजनों और गुरुजनों को दिया है.

यूजीसी नेट की परीक्षा में सफल एएमयू की तमकीन फातिमा. देखें पूरी खबर (Video Credit : ETV Bharat)

जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में एमटेक कर रही छात्रा तमकीन फातिमा ने अपने पहले प्रयास में ही अखिल भारतीय स्तर पर दूसरा स्थान (99.9933 पर्सेंटाइल) प्राप्त कर यूजीसी-नेट (जेआरएफ) परीक्षा, 2024 उत्तीर्ण की है. तमकीन ने 2023 में एएमयू से 9.703 सीपीआई के साथ बीटेक पूरा किया. 10वीं कक्षा से यूपी एसटीएसई, यूनिवर्सिटी मेरिट फाइनेंशियल अवार्ड (एएमयू) और गेट छात्रवृत्ति सहित लगातार मेरिट छात्रवृत्ति प्राप्त की हैं. बी.टेक. शिक्षा के दौरान, फातिमा ने इसरो, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी, टोरंटो, कनाडा (मिटाक्स जीआरआई) और द फील्ड्स इंस्टीट्यूट, टोरंटो, कनाडा (फील्ड्स अंडरग्रेजुएट समर रिसर्च प्रोग्राम) में रिसर्च इंटर्नशिप कार्यक्रमों में भाग लिया. उन्होंने एसीएम कॉन्फ्रेंस प्रोसीडिंग्स में एक शोध पत्र भी प्रकाशित किया है.


तमकीन का कहना है कि किसी भी परीक्षा में सफलता पाने के लिए कोचिंग जरूरी है, बल्कि अगर हम क्लास में दिल लगाकर पढ़ें. शिक्षक जो भी पढ़ाते हैं, उसे ध्यान से पढ़ें और रिवीजन करते रहें तो किसी भी परीक्षा में सफलता पाई जा सकती है. हमें पढ़ाई सिर्फ परीक्षा में सफलता पाने के लिए नहीं, बल्कि जो भी पढ़ते हैं उसको अच्छे से समझ कर पढ़ें. कोचिंग में भी वही पढ़ाया जाता है जो क्लास में पढ़ाया जाता है, लेकिन क्लास में हम दिल लगाकर नहीं पढ़ते हैं. इसलिए कोचिंग जाना पड़ता है.

तमकीन का कहना है कि हम भाई बहनों की पढ़ाई के लिए मां ने अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था. आज भाई भी अच्छी पोजीशन पर है. तमकीन का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के बाद वह असिस्टेंट प्रोफेसर बनकर यूनिवर्सिटी के छात्रों को पढ़ना चाहती है. वहीं तमकीन के माता-पिता ने तमकीन की कामयाबी पर खुशी का इजहार किया है. माता पिता का कहना है कि अगर बच्चा घर पर और क्लास में ध्यान लगाकर पढ़े तो किसी भी परीक्षा में कामयाबी हासिल की जा सकती है. हमारी बच्ची ने कभी कोई कोचिंग नहीं की, फिर भी उसने दूसरी रैंक हासिल करके हमें गर्व करने करने का अवसर दिया है.

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