लखनऊःसमाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रक्षाबंधन पर्व पर 'समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी' का गठन किया है. अखिलेश यादव ने सोमवार को सपा कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं से राखी बंधवाई. इसके बाद सपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सदियों से इतिहास में सर्व समाज द्वारा मनाए जानेवाले सुरक्षा-सौहार्द के सामाजिक-सामुदायिक पर्व ’रक्षा-बंधन’ के अवसर पर समाजवादी पार्टी ‘आधी-आबादी’ मतलब हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित एक ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है. ये टीम ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नवीन अवधारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से नारी के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाकर, सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी.
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी नारी के मुद्दों और मामलों में ‘चार दिन की चिंता’ की तरह केवल कहकर नहीं रह जाएगी. केवल औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ’वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी. दूरगामी ठोस क़दम भी उठाएगी, रास्ते भी बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी. क्योंकि परिवर्तन थोथे बयानों से नहीं, सच्ची भावना से किये गये सद्-प्रयासों से ही आएगा. आर्थिक सबलीकरण और नारी-सुरक्षा जैसे विषयों के विविध कार्यक्रमों के माध्यम से उनके चतुर्दिक सशक्तीकरण को सुनिश्चित करने का अति महत्वपूर्ण कार्य करेगी.
अखिलेश यादव ने कहा कि नारी में ‘सुरक्षा की भावना’ उसकी शिक्षा की निरंतरता, उसकी कुशलता-समर्थता, सक्रियता व आत्मनिर्भरता और परिवार-समाज में ससम्मान जीने का सुदृढ़ आधार बनती है. नारी जितनी सुरक्षित होगी, उतनी ही उसकी सक्रियता बढ़ेगी और उतना ही उसका आर्थिक योगदान बढ़ेगा. साथ ही उसका पारिवारिक-सामाजिक सम्मान भी और देश-दुनिया के विकास में योगदान भी. ये ‘आधी-आबादी की पूरी आज़ादी’ का अभियान है, जिसके शुभारंभ के लिए ’रक्षा-बंधन’ जैसे पावन-पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है. लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहनेवाली जागरूकता का चैतन्य रूप होगा.