लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अकबर नगर मामले में करदाता कब्जेदारों की सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. उक्त कब्जेदारों में लाखों और करोड़ों की जीएसटी भरने वाले लोग शामिल हैं. न्यायालय ने इन सभी को झुग्गीवासी मानने से इंकार करते हुए, इनके कब्जों को अवैध माना है. यह निर्णय न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने सैयद हमीदुल बारी समेत दर्जनों याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करते हुए पारित किया है. अकबर नगर मामले में सुनवाई के दौरान न्यायालय ने इन करदाता कब्जेदारों की याचिकाओं को गरीब और वास्तविक झुग्गीवासी कब्जेदारों की याचिकाओं से अलग कर दिया था.
अपने निर्णय में न्यायालय ने कहा कि सुनवाई के दौरान याचियों के द्वारा स्वीकार किया गया है कि उक्त जमीनें राज्य सरकार की हैं और उन पर बने शो-रूम्स और फर्नीचर के कारखाने अनाधिकृत और अवैध हैं. हालांकि उनकी ओर से खुद को झुग्गीवासी बताते हुए मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति 2021 का लाभ दिए जाने की मांग की गई. इस पर न्यायालय ने कहा कि मान लीजिए कि किसी स्लम एरिया में एक व्यापारी वास्तविक झुग्गीवासियों से एक बड़ी जमीन कब्जे में ले और बिना किसी वैध अनुमति के मल्टीप्लेक्स या होटल या शॉपिंग कॉम्प्लेक्स खड़ा कर दे और बाद में वह स्वयं को झुग्गीवासी बताते हुए राहत दिए जाने की मांग करे तो क्या उसे झुग्गीवासी मानते हुए राहत दिया जाना संभव है.