अजमेर: संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में हादसे थम नहीं रहे है. खास बात यह है कि अस्पताल प्रशासन भी हादसों से सबक नहीं ले रहा है. इस बार फीमेल मेडिकल वार्ड 1 में भर्ती महिला मरीज की बेटी छत का प्लास्ट गिरा है. इस हादसे में बालिका के सिर पर चोट आई है. गनीमत रही कि बालिका के गंभीर चोट नहीं आई, लेकिन इस हादसे ने अस्पताल प्रशासन की अव्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है.
संभाग स्तरीय जेएलएन अस्पताल की बदहाली मरीजों और परिजनों पर भारी पड़ रही है. बदहाली के कारण अस्पताल में आफत कही से भी आ सकती है. आमतौर पर चलते वक्स सामने देखा जाता है, लेकिन जेएलएन अस्पताल में आने पर यहां ऊपर देखना भी जरूरी है. दरअसल, बारिश के कारण अस्पताल में सीलन से दीवारों और छतों का प्लास्टर कमजोर हो गया है, जो कभी भी किसी के लिए आफत बन कर टूट जाता है. चार दिन में छत का प्लास्टर टूटने की यह दूसरी घटना है.
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इससे पहले मेल मेडिकल वार्ड में अधेड़ उम्र मरीज और उसका बेटा प्लास्टर गिरने से जख्मी हुए था कि मंगलवार को यह दूसरा हादसा हो गया. फीमेल मेडिकल वार्ड 1 में भर्ती बड़लिया निवासी महिला की बेटी के सिर पर प्लास्टर गिरने से वह जख्मी हो गई. हादसे में बालिका के सिर पर गंभीर चोट नहीं आई है. बालिका की मां ने बताया कि हम दोनों पलंग पर बैठ कर बात कर रहे थे. बेटी ने कहा कि मां मैं तुम्हारे बाल बना देती हूं. मैंने कहा कि बाद में बना देना. इतने में ही छत से प्लास्टर गिर पड़ा और बेटी के सिर पर चोट लग गई. मौजूद नर्सिंग स्टाफ ने बालिका को आपातकालीन वार्ड ले गए जहां, उसका प्राथमिक उपचार किया गया. इधर महिला मरीज को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया है.
इनका कहना है : अस्पताल में अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने बताया कि हादसे के बाद घायल हुई बालिका को प्राथमिक उपचार दिया गया है. बालिका के सिर पर गंभीर चोट नहीं है. बारिश के कारण फीमेल मेडिकल वार्ड 1 में छत का प्लास्टर गिरा है. संबंधित सार्वजनिक निर्माण विभाग को सूचित किया गया है. इससे पहले भी विभाग को कई बार लिखा जा चुका है. अस्पताल की बिल्डिंग में मरम्मत का काम सार्वजनिक निर्माण विभाग करता है. इसके लिए कमेटी भी कई बार सार्वजनिक निर्माण विभाग को अस्पताल में रिपेयरिंग के लिए लिख चुकी है.