जींद: दशहरे के बाद हरियाणा और दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. मंगलवार दोपहर तीन बजे तक वायु प्रदूषण का स्तर 154 पर दर्ज किया गया. हालांकि बाद में वायु प्रदूषण का स्तर घट कर 150 से नीचे आ गया. यह स्तर भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. विशेषकर सांस के रोगियों को परेशान करने वाला है. अभी आने वाले दिनों में एक्यूआई ज्यादा बढ़ेगा. क्योंकि पराली जलाने के मामले भी सामने आने लगे हैं.
जींद में पराली जलाने के 44 मामले
एक अक्टूबर से अब तक 44 जगह धान अवशेष जलाने के मामले सामने आए हैं. दिवाली पर्व के समीप आते ही खेतों में पराली की घटनाएं सामने आने के बाद वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है. ऐसे में आंखों में जलन भी होने लगती है. जिससे वाहन चालकों और आम लोगों को काफी परेशानी होती है, हालांकि किसानों को खेतों में धान के फसल अवशेष ना जलाने के लेकर युद्ध स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन आगजनी के मामले फिर भी कम नहीं हो पा रहे हैं. जिले में एक अक्टूबर से अब तक 44 जगह धान के अवशेष जलाने के मामले आ चुके हैं.
जींद के 12 गांव रेड जोन में शामिल
प्रदूषण के चलते जींद जिले के 12 गांव रेड जोन में शामिल हैं. इनमें अलेवा, श्रीरागखेड़ा, दनौदा कलां, धमतान साहिब, कालवन, उझाना, रसीदां, जयपुर, मुआना, अलीपुर, बड़नपुर, करसिंधु है. इन गांवों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वहां कोई धान के अवशेष जलाने की घटनाएं न हो. 12 को 17 और 13 को आठ मामले धान के अवशेष जलाने के आए थे.