उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी में मानव जनित समस्याओं से बढ़ रहा प्रदूषण, इंडस्ट्रीज को पीपीपी मॉडल पर कराएं संचालित - Air Pollution In UP

कानपुर के एलनहाउस पब्लिक स्कूल में यूथ कांफ्रेंस हुई. इस कांफ्रेंस में देश और दुनिया के दिग्गजों ने वायु प्रदूषण कम करने को लेकर अपनी बातें रखी.यूपी में मानव जनित समस्याओं से प्रदूषण बढ़ रहा है. यूपी एयर क्वॉलिटी इंडेक्स पर 77 स्थान पर पहुंच गया है.

Etv Bharat
यूथ कॉन्फ्रेंस में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र को किया गया सम्मानित (photo credit- Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 27, 2024, 1:45 PM IST

कानपुर: निश्चित तौर पर यह बात बिल्कुल सही है, कि जम्मू-कश्मीर और उप्र के वायु प्रदूषण संबंधी आंकड़ों में जमीन-आसमान का अंतर है. अगर हम उप्र की समस्याओं को देखें, तो मेरा मानना है यहां प्राकृतिक और मानवजनित समस्याओं के अंबार होने से वायु प्रदूषण मानक से अधिक रहता है. हालांकि, सूबे की सरकार चाहे तो वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर खुली हवा में सभी सांस ले सकती हैं.केंद्र के स्तर से नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत कई राज्यों में शुद्ध हवा के लिए प्रयास जारी हैं. यह बातें एसोसिएट डीन इंटरनेशनल अफेयर्स और केंद्रीय विवि जम्मू की सहायक प्रोफेसर (पर्यावरण विज्ञान) डॉ.श्वेता यादव ने कहीं. मौका था, शहर के खलासी लाइन स्थित एलनहाउस पब्लिक स्कूल में आयोजित दोदिवसीय यूथ कांफ्रेंस का. डॉ.श्वेता ने कहा, वह पिछले 11 सालों से जम्मू में हैं और हिमालयन रीजन में एयरोसोल एयर क्वालिटी इंडेक्स पर काम कर रही हैं. कार्यक्रम में सुपर हाउस समूह के चेयरमैन मुख्तारुल अमीन ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को कैश प्राइज देकर सम्मानित भी किया.

पर्यावरण विज्ञान के जानकारों ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर दी जानकारी (video credit- Etv Bharat)
इसे भी पढ़े-इस यलो कार्ड के बिना अधूरी है जमीन, घर, दुकान की खरीद-बिक्री; नजरअंदाज किया तो पड़ सकते हैं मुश्किल में - varanasi property

यूपी में इंडस्ट्रीज को पीपीपी मॉडल पर संचालित करना होगा: वैल्यूर फैबटेक्स प्राइवेट लिमिटेड की चीफ पीपुल ऑफिसर डॉ.देबजनी रॉय (दिल्ली) ने कहा, कि दिल्ली में हवा को शुद्ध करने के लिए ऑड-ईवेन सिस्टम लागू जरूर किया गया था. लेकिन, प्रदूषण के इंडेक्स पर उसका कोई खास असर नहीं पड़ा. बल्कि जब कानपुर एयरपोर्ट पर आना हुआ, तो लगा कि दिल्ली से बेहतर जगह पर आ गए हैं. डॉ.देबजनी ने कहा, कि उप्र में बढ़ते प्रदूषण के लिए उद्योगों के संचालन को भी एक अहम कारक माना जाता है. मेरा कहना है, कि अगर यहां जो इंडस्ट्रीज बेतरतीब ढंग से फैली हैं, उन्हें पीपीपी मॉडल पर स्ट्रक्चर्ड तरीके से संचालित करेंगे तो काफी हद तक प्रदूषण कम हो जाएगा.

फैशन इंडस्ट्री के केमिकल डिस्चार्ज व वेस्ट का निदान सोचना होगा:कांफ्रेंस के दौरान ही शहर के दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज की पूर्व प्राचार्य डॉ.साधना सिंह ने फास्ट फैशन इंडस्ट्री के एजेंडा पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, कि इस इंडस्ट्रीज से जुड़े उद्यमियों को सरकार के साथ मिलकर केमिकल डिस्चार्ज, फैशन, टेक्सटाइल वेस्ट का निदान सोचना होगा. अगर, इसका मैकेनिज्म तैयार है, तो आप समझ लीजिए कि इंडस्ट्री भी बेहतर ढंग से संचालित होगी और कूड़ा न फैलने से प्रदूषण पर भी अंकुश लग जाएगा.

यह भी पढ़े-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी करनी है, चलिए फटाफट करिए ऐसे आवेदन, एंट्रेंस क्वालीफाई कर पूरा करिए सपना - allahabad university entrance exam

ABOUT THE AUTHOR

...view details