भोपाल : आगामी 6 माह के अंदर भोपाल एम्स में रोबोटिक सर्जरी शुरु हो जाएगी. जो कि बड़े शहरों के निजी अस्पतालों के मुकाबले काफी किफायती रहने वाली है. एम्स के डाक्टरों ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी के लिए रोबोट विदेश से खरीदे जा रहे हैं. इसके लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं. एम्स भोपाल में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा के लिए 40 करोड़ रु खर्च किए जाएंगे. यह सुविधा शुरु होने से यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, कैंसर, जनरल और प्लास्टिक सर्जरी करवाने वाले मरीजों के ईलाज में आसानी होगी. इसके लिए तैयारियां चल रही हैं. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार एम्स भोपाल में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा दिसंबर 2024 तक शुरु हो सकती है.
रोबोटिक सर्जरी वाला प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल (Etv Bharat)
रोबोटिक सर्जरी वाला प्रदेश का पहला सरकारी अस्पताल
प्रदेश में अब तक रोबोटिक सर्जरी की सुविधा किसी भी सरकारी अस्पताल में नहीं है. हालांकि, इंदौर के एक निजी अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत हो गई है. इसके अलावा दिल्ली एम्स, अपोलो, फोर्टिस और मुबंई के टाटा मेमोरियल समेत देश के कुछ खास अस्पतालों में ही रोबोटिक सर्जरी की सुविधा है. एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होने से सबसे अधिक फायदा कैंसर के मरीजों को मिलेगा.
एम्स के डाक्टर ने ऑस्ट्रिया से किया कोर्स
एम्स भोपाल में यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर केतन मेहता ऑस्ट्रिया से रोबोटिक सर्जरी का कोर्स करके आए हैं. ऐसे में सबसे पहले यूरोलॉजी विभाग में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होगी. इसके बाद अन्य विभागों में भी यह सुविधा शुरु होगी. इसकी मदद से प्रोस्टेट कैंसर, पेशाब की थैली का कैंसर, किडनी का कैंसर समेत अन्य जटिल आपरेशन किए जाएंगे. इसकी खासियत यह है कि शरीर के किसी भी हिस्से की सर्जरी आसानी से हो सकेगी. पूरा ऑपरेशन एक छोटे से छिद्र से होगा. इसके लिए ज्यादा कट नहीं लगाना पड़ेगा. जिससे अधिक खून नहीं बहेगा. डॉक्टर थ्रीडी कैमरे से उन हिस्सों को भी देख सकेंगे, जहां आसानी से आंख से नहीं देखा जा सकता है.
वर्तमान में रोबोटिक सर्जरी की मांग ज्यादा
डॉ. केतन मेहता ने बताया कि वर्तमान में बढ़ती बीमािरयों और उनकी जटिलताओं के कारण रोबोटिक सर्जरी की मांग बढ़ रही है. पारंपरिक ऑपरेशन की बजाय रोबोटिक सर्जरी ज्यादा कारगर है. इसमें डॉक्टर की जगह रोबोटिक आर्म काम करते हैं. ऑपरेशन करने वाला डाक्टर एक कमरे में बैठकर इलेक्ट्रिॉनिक डिवाइस के जरिए रोबोट को कमांड देता है. रोबोटिक मशीन के हाथों में काफी स्किल्स होती हैं. रोबोटिक आर्म उन हिस्सों तक पहुंचकर ऑपरेशन करते हैं, जहां मानव हाथ नहीं पहुंच पाता है.