लखनऊ:अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम-2024 के तीसरे दिन की शुरुआत में आयोजित हुए संस्थागत सहयोग और शैक्षणिक संबंध विषय सत्र में एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टीजी सीतारमण बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. खनऊ विश्वविद्यालय में चल रहे इस कार्यक्रम में प्रोफेसर टीजी सीतारमण ने कहा कि आज किसी भी विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान को सफल होने के लिए एक दूसरे के साथ संबंध स्थापित करना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा, जब तक भगवान राम अयोध्या में शादी के पहले तक रहे, तो उन्हें सिर्फ राम के नाम से ही जाना जाता था. लेकिन, जब वह अयोध्या से निकले तो सीता के हरण के बाद उन्होंने वानर राज सुग्रीव के साथ समझौता किया और वानर सेना बनाई. उन्होंने अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर जगह पर समझौता किया. इसके बाद वह राजाराम और मर्यादा पुरुषोत्तम राम बने. ठीक इसी तरह आज शिक्षण संस्थानों को भी आपस में एक दूसरे के साथ समझौता कर आगे बढ़ना चाहिए. इस दौरान प्रोफेसर सीतारमण ने ड्यूल डिग्री और प्रोग्रामों के लिए संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया.
इंजीनियरिंग के मूल विषयों में भी अच्छे प्लेसमेंट है: प्रोफेसर सीतारमण ने कहा कि आज देश का हर युवा जो इंजीनियरिंग करना चाह रहा है, वह केवल कंप्यूटर साइंस और आईटी सेक्टर की पढ़ाई करना चाहता है. भले ही इस विषय में छात्रों को जल्दी प्लेसमेंट मिलने के साथ करोड़ों का पैकेज भी मिलता हो, लेकिन इंजीनियरिंग के जो मूल विषय हैं, जिसे हम आर्किटेक्चर, मैकेनिक और इलेक्ट्रिकल कहते हैं. उसमें भी प्लेसमेंट के बेहतर ऑप्शंस है. विशेष तौर पर पब्लिक सेक्टर यूनिट में नौकरी प्राइवेट सेक्टर से ज्यादा सुरक्षित और अच्छे पैकेज की मिलती हैं. उन्होंने कहा कि बस इसके लिए हमें अपने मानसिक अप्रोच को बदलने की जरूरत है.
इसे भी पढ़े-लखनऊ विश्वविद्यालय ने सात संस्थाओं के साथ किए समझौते, शोध और अनुसंधान को मिलेगा नया आयाम