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नोएडा के जेवर एयरपोर्ट से होगा एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट; कार्गो प्लेन से विदेश भेजे जाएंगे फल-सब्जी - NOIDA JEWAR AIRPORT

मिडल ईस्ट और यूरोपियन कंट्री को एक्सपोर्ट करने की प्रक्रिया होगी तेज, जेवर एयरपोर्ट पर हो रहा एग्रीकल्चरल कमोडिटीज सेक्टर का निर्माण.

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इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में फार्मर्स डे पर आयोजित कार्यशाला में मंचासीन अतिथि. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 24, 2024, 2:52 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में किसनों की आय दोगुनी करने के लिए प्रदेश सरकार फल और सब्जियों को दूसरे देशों में एक्सपोर्ट करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए नोएडा के जेवर एयरपोर्ट पर अलग से एक कार्गो सेक्टर तैयार किया जा रहा है. जहां से उत्तर प्रदेश के किसानों की फसलों को सीधे मिडल ईस्ट और यूरोपीयन कंट्रीज को एक्सपोर्ट किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य भी बनने जा रहा है जो किसानों के उत्पादों को अलग से कार्गो के माध्यम से दूसरे देशों में भेजने की तैयारी कर रहा है. यह जानकारी प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में फार्मर्स डे पर आयोजित एक कार्यशाला के दौरान कहीं.

इस पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के फाउंडर एसडब्ल्यू अख्तर, विश्वविद्यालय के कुलपति जावेद मुसरत, डिप्टी डायरेक्टर जनरल एग्रीकल्चर एक्सटेंशन नई दिल्ली डॉ. उदय सिंह गौतम कृषि विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति आनंद कुमार सिंह उपस्थित थे. सात साल में यूपी के किसानों की आय दोगुनी हो गई है.

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि 7 साल पहले उत्तर प्रदेश के किसानों की सालाना आय $600 के करीब थी. सरकार की नीतियों और उनके प्रयासों से बढ़कर $1300 के करीब पहुंच गई है. जो देश के किसानों के प्रति वर्ष 2300 डॉलर आय के आधा हो गई है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जेवर एयरपोर्ट से किसानों के प्रोडक्ट्स को विदेश में भेज कर उनकी आय को और तेजी से बढ़ाने के प्रयास पर काम कर रही है. किसान आमतौर पर अगेहूं, चावल को एक्सपोर्ट करने पर ज्यादा जोर देता है. पर सरकार की कुछ नीतियां ऐसी होती हैं कि देश में खाद्यान्न की कमी और महंगाई अधिक ना बढ़े, इसलिए इन फसलों के एक्सपोर्ट पर समय-समय पर पाबंदी भी लगाती रहती है.

लेकिन, सब्जी और फल ऐसे प्रोडक्ट हैं, जिनका उत्पादन अगर किसान बड़ी संख्या में करता है तो इन्हें आसानी से दूसरे देशों में एक्सपोर्ट किया जा सकता है. क्योंकि, इनके एक्सपोर्ट पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी कभी नहीं लगती है. इससे किसानों की जो मौजूदा आय है, उसे बहुत तेजी से बढ़ाया जा सकता है.

मुख्य सचिव ने कहा कि पूरे देश में हर साल लगभग 600 लाख टन अनाज पैदा होता है. जितना देश में गेहूं पैदा होता है उसका 35 फीसदी अकेला यूपी पैदा करता है. यह बहुत बड़ा आंकड़ा है. 400 लाख टन फ्रूट्स एंड वेजिटेबल यूपी हर साल पैदा करता है.

मुख्य सचिव ने कहा कि हिंदुस्तान व उत्तर प्रदेश में जो खेती है वह बाकी दुनिया के खेती से बिल्कुल अलग है. पूरी दुनिया में हम यह सुनते हैं कि लोग जब एग्रीकल्चर में एक समय तक काम कर लेते हैं. तो उसके बाद वहां से वर्कफोर्स निकालकर मैन्युफैक्चरिंग में जाती है, फिर मैन्युफैक्चरिंग से वर्कफोर्स निकलकर और सर्विसेज में जाती है. लेकिन हम लोगों ने अपने देश में देखा है कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज दोनों एक साथ बढ़ाना शुरू हुई.

फिर सर्विसेज काफी आगे बढ़ गया और मैन्युफैक्चरिंग बीच में ठहर गया. हिंदुस्तान में खेती की जो अहमियत है वह और देश की तरह नहीं है. आज की तारीख में उत्तर प्रदेश की जो अर्थव्यवस्था है वह लगभग 28 लाख करोड़ की है. 28 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान 25% दिया है. मैन्युफैक्चरिंग का योगदान 25 % दिए हैं और जो सर्विसेज है. इसका योगदान लगभग 50% है.

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