नई दिल्ली: राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर में हुए हादसे के बाद से ही दिल्ली नगर निगम कोचिंग सेंटरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. बीते सोमवार को नगर निगम की टीम ने बेसमेंट में चल रहे दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर को सील कर दिया था. वहीं, दूसरी तरफ मुखर्जी नगर में UPSC छात्रों का प्रदर्शन भी लगातार जारी है. तीन छात्रों की मौत के विरोध में UPSC स्टूडेंट्स ने सोमवार को मुखर्जी नगर मेन रोड को जाम कर दिया था. आज भी कई छात्र कोचिंग संचालकों के घर के बाहर धरने पर बैठे हैं. अब लगातार हो रहे हंगामा के बाद दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर का पक्ष सामने आया है.
दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर की ओर से एक स्टेटमेंट जारी कर जवाब दिया गया है. दृष्टि IAS कोचिंग सेंटर के मालिक विकास दिव्यकीर्तिका कहना है कि कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं. इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं. डीडीए, एमसीडी तथा दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है. इसी तरह, 'दिल्ली मास्टर प्लान-2021', 'नेशनल बिल्डिंग कोड', 'दिल्ली फायर रूल्स' और 'यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़' के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है.
कहीं कोचिंग संस्थानों के लिए स्पष्ट प्रावधान नहींःटीम दृष्टि का कहना है कि 'दिल्ली मास्टर प्लान-2021' को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं दिए गए हैं. आशा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा. साथ ही हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है.
"जो विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं ऐसे 3-4 बच्चों से मेरी आज बात हुई है. आज दिल्ली उपराज्यपाल ने बैठक बुलाई थी, जिसमें मैं भी गया था. उस बैठक के दौरान कुछ बच्चों से मेरी बात हुई. अब मुझे लगता है कि सहजता है और आज या कल मैं बच्चों से मिलूंगा." -विकास दिव्यकीर्ति, संस्थापक, दृष्टि आईएएस
हर भवन की नियमित होती है सेफ्टी ऑडिटः दृष्टि का कहना है कि वर्तमान में हमारी मैनेजमेंट में 'फायर एन्ड सेफ्टी ऑफिसर' का विशेष पद है जिस पर कार्यरत अधिकारी नेशनल फायर सर्विस कॉलेज(नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 वर्षों तक यही कार्य कर चुके हैं. वे प्रत्येक भवन का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक भवन के लिये एक-एक अधिकारी की ज़िम्मेदारी होती है कि वह रोज़ सुरक्षा के 16 बिंदुओं को चेक करें और इसकी सूचना 'बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप' पर अपडेट करें. हमारे क्लासरूम जिन भी भवनों में हैं, उनमें आने-जाने के लिए कम से कम दो रास्ते हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें.
टीम दृष्टि ने कहा कि दिल्ली नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई व्यापक कार्रवाई स्वागतयोग्य है. इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिए नियत करें. अगर सरकार क्लास रूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की. विकास दिव्यकीर्ति ने कहा कि "एक बार फिर, यदि जाने-अनजाने में हमारी टीम से कोई चूक हुई है तो हम उसके लिये पुनः खेद व्यक्त करते हैं. अब हम विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर और ज़्यादा सतर्क रहने का भरोसा दिलाते हैं"
नगर निगम की कार्रवाई जारीः 27 जुलाई की रात राजेंद्र नगर में Rau's IAS कोचिंग सर्किल के बेसमेंट में पानी भरने से तीन सिविल सेवा उम्मीदवारों की मौत हो गई थी. इसके बाद से निगम की ताबरतोड़ कार्रवाई जारी है. आज भी दिल्ली के प्रीत विहार में बेसमेंट में चलाए जा रहे कोचिंग सेंटर पर कार्रवाई की गई. वहीं, रविवार को 13 कोचिंग सेंटरों को और सोमवार को 5 कोचिंग संस्थानों को सील किया था.