देहरादून: उत्तराखंड का सुरई वन क्षेत्र वन्यजीवों के लिहाज से बेहद समृद्ध है. यही कारण है कि राज्य में गैंडों के लिए इसे सबसे उपयुक्त पाया गया है. फिलहाल गैंडों को नया आशियाना यूपी के पीलीभीत वन क्षेत्र में देने की तैयारी चल रही है. इसके बाद उत्तराखंड के सुरई वन क्षेत्र पर अंतिम निर्णय लिया जाना है.
सुरई बनेगा गैंडों का आशियाना: उत्तराखंड में नए मेहमान को लाने का लंबा इंतज़ार फिलहाल बरकरार है. हालांकि उम्मीद है कि जल्द ही यह इंतजार खत्म हो सकता है. दरअसल उधमसिंह नगर जिले में स्थित सुरई वन क्षेत्र गैंडों के लिए बेहतर माना गया है. वैज्ञानिकों के अध्ययन में इस बात की पुष्टि हुई है कि सुरई रेंज में गैंडों को बेहतर आशियाना दिया जा सकता है. हालांकि इसके लिए इस क्षेत्र में कुछ अतिरिक्त तैयारी की जरूरत होगी, जिसे पूरा करने के बाद यहां गैंडों को लाया जा सकता है. भारतीय वन्यजीव संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक कमर कुरैशी कहते हैं कि गैंडों के लिए बेहतर माहौल को लेकर जिन बातों की जरूरत होती है, वह उत्तराखंड के सुरई रेंज में मौजूद है. गैंडों को लाने से पहले कुछ तैयारी करना भी जरूरी है.
सुरई का जंगल वन्यजीवों के लिए रहा है बेहतर आशियाना:उत्तराखंड का सुरई वन क्षेत्र वन्यजीवों के लिए बेहतर आशियाने के रूप में देखा जाता है. इसके पीछे की वजह यहां खाने के लिए पर्याप्त वन्यजीवों की मौजूदगी, घास के मैदान और पानी का पर्याप्त मात्रा में होना है. सुरई वन क्षेत्र करीब 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. ये बाघों के लिए एक अच्छा हैबिटेट भी है और बड़ी संख्या में यहां पर बाघों की मौजूदगी भी है. इसके अलावा इस क्षेत्र में भालू, चीतल, सांभर समेत स्तनधारियों की 125 प्रजातियां मौजूद हैं. इसी तरह रेंगने वाले जीवों की 20 से ज्यादा प्रजातिया यहां पाई गई हैं. स्थिति यह है कि वन्यजीवों के लिहाज से समृद्ध जंगल होने के कारण ही सुरई में इको टूरिज्म जोन बनाया गया है, जिसमें सफारी की भी व्यवस्था है.