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सरकार चलाने में कम, संगठन पर ज्यादा ध्यान देंगे AAP संयोजक, केजरीवाल के आगे का प्लान जानें - ARVIND KEJRIWAL BAIL

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 13, 2024, 3:32 PM IST

Updated : Sep 13, 2024, 4:39 PM IST

Arvind Kejriwal bail news: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सीबीआई मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई. करीब 6 महीने जेल में बिताने के बाद शुक्रवार शाम केजरीवाल जेल से बाहर आएंगे. ऐसे में अब जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद सीएम केजरीवाल क्या करेंगे, जानने के लिए पढ़े आशुतोष झा की रिपोर्ट...

जेल से बाहर आकर क्या करेंगे CM अरविंद केजरीवाल
जेल से बाहर आकर क्या करेंगे CM अरविंद केजरीवाल (Etv Bharat)

नई दिल्ली:दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के मुखिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी के बाद सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमे और गिरफ्तारी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. देर शाम केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे. उनके जेल से बाहर आने की सूचना से पत्नी सुनीता केजरीवाल ने घर से बाहर मिठाईयां बांटीं. हालांकि, कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को वैध ठहराया है और जमानत के लिए वही शर्तें लगाई है, जो ईडी के केस में जमानत देते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी. केजरीवाल अभी भी दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन अब जमानत पर बाहर आने के बाद उनके लिए सरकार चलाना आसान नहीं होगा.

जब तक चलेगा केस प्रशासनिक फैसले लेने में होगी मुश्किलें:सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की जो शर्तें लगाई है उसके अनुसार तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल किसी भी सरकारी फाइल पर दस्खत नहीं कर पाएंगे. अगर ऐसा करना बहुत जरूरी होगा तो उन्हें इसके लिए उपराज्यपाल से विशेष अनुमति लेनी होगी. मुख्यमंत्री ना तो अपने कार्यालय में और ना ही दिल्ली सचिवालय में जा सकेंगे. उन्हें इस केस को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से मना किया गया है. साथ ही किसी भी गवाह से वे बातचीत नहीं कर सकेंगे.

दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले आबकारी विभाग से न कोई भी आधिकारिक फाइल मंगा सकते हैं न ही देख सकते हैं. इसके अलावा जब जरूरत पड़ने पर उन्हें कोर्ट में बुलाया जाएगा तब कोर्ट में पेश होना होगा. ऐसे में फिलहाल अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने से आम आदमी पार्टी के लिए एक फायदा यह हुआ है कि अब कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ जाएगा.

हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार में करेंगे धुआंधार प्रचार:सामने हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) है. पार्टी ने सभी 90 सीटों के लिए अपने प्रत्याशी उतारे हैं. नामांकन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है. आज से ही तमाम प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट जाएंगे. ऐसे में पार्टी के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल भी हरियाणा में धुआंधार प्रचार करने के लिए जाएंगे. कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मनीष सिसोदिया ने भी यह बात स्पष्ट कर दी है.

"सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तें लगाई हैं. इसके तहत अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर तो आ जाएंगे, लेकिन बतौर मुख्यमंत्री वह जब दफ्तर और सचिवालय नहीं जा पाएंगे. सरकारी फाइलों पर साइन नहीं कर पाएंगे तो स्थिति वैसे ही रहेगी, जैसी केजरीवाल के जेल के अंदर होने से है. सरकार के कामकाज में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने पर कोई तेजी नहीं आएगी. यह तभी हो सकता है जब मुख्यमंत्री को पूरी पावर दी जाए." -ओमेश सहगल, पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी

चुनावी रणनीति में बड़ी भूमिका:अरविंद केजरीवाल पार्टी के चुनावी तैयारियों व रणनीति बनाने में अब बड़ी भूमिका अदा करेंगे. दो दिन पहले आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग को अपने स्टार प्रचारकों की जो सूची सौंप थी उसमें भी केजरीवाल का नाम पहले की तरह सबसे ऊपर था. पिछले महीने दिल्ली शराब घोटाले में ही तिहाड़ जेल में तकरीबन डेढ़ साल से बंद सिसोदिया को जमानत मिली थी. उनके बाद अब अरविंद केजरीवाल भी जमानत पर जेल से बाहर आ रहे हैं. यह पार्टी के लिए राहत भरी खबर है.

बिखर रहे संगठन को बचाने में लगेगा ब्रेक:आम आदमी पार्टी में पिछले 6 महीने से जो संकट देखने को मिल रहा था, कई नेता, विधायक पार्टी छोड़कर चले गए. केजरीवाल सरकार की कैबिनेट में शामिल रहे मंत्री राजकुमार आनंद और राजेंद्र पाल गौतम ने पार्टी का साथ छोड़कर अलग-अलग राजनीतिक दलों के सदस्य बन गए हैं. इसके अलावा विधायक करतार सिंह तंवर, चार निगम पार्षदों ने भी पार्टी छोड़ दी. इस तरह के झटके से संगठन बिखरने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अब केजरीवाल के बाहर आने से पार्टी के दूसरी पंक्तियों के नेताओं ने भी चैन की सांस ली है.

सशर्त जमानत मिलने से सरकारी योजनाओं व घोषणाएं पर ब्रेक:सीएम अरविंद केजरीवाल के जमानत मिलने से पहले यह कयास लगाए जा रहे थे कि दिल्ली सरकार से संबंधित ताबड़तोड़ फैसले केजरीवाल ले सकेंगे, दिल्ली में भी चार महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं, सरकारी योजनाओं को समय से पूरा करना संभव होगा, लेकिन ऐसा अब नहीं होगा. चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए विधानसभा में जिस तरह दिल्ली की महिलाओं के लिए प्रति महीने 1000 रुपये की स्कीम लागू करने की बात कही गई थी. यह स्कीम अब तक लागू नहीं हो पाई है. हरियाणा के बाद दिल्ली में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल की भूमिका ही अब पार्टी के मुखिया के तौर पर ही अधिक रहेगी. उनके दिशा निर्देश पर पहले की तरह ही अन्य नेता अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे.

बीजेपी ने मांगा केजरीवाल का इस्तीफा:अरविंद केजरीवाल की जमानत मिलने के साथ ही बीजेपी ने हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें जिन शर्तों पर जमानत मिली है इस सूरत में उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा हो या विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल आरोपी हैं और उन्हें सिर्फ जमानत मिली है. उन्हें रिहा नहीं किया है. इस मामले और अपनी गिरफ्तारी को जिस तरह केजरीवाल अवैध बता रहे थे कोर्ट ने उस पर कड़ी टिप्पणी की है और गिरफ्तारी को सही करार दिया है. ऐसे में उन्हें अपनी पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं रह जाता.

राष्ट्रपति शासन को लेकर भी चर्चा:दिल्ली में गत कुछ दिनों से राष्ट्रपति शासन लगाने की चर्चा चल रही है. दरअसल, 30 अगस्त को विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता अपने साथी विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात करने पहुंचे थे. उन्होंने दिल्ली में संवैधानिक संकट का हवाला दिया था. बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति को 6 पन्ने का एक ज्ञापन पत्र भी सौंपा था और राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की थी. बीते दिनों राष्ट्रपति ने उस ज्ञापन को केंद्रीय गृह मंत्रालय को विचार के लिए भेजा है. तब से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगने वाला है? अब मुख्यमंत्री केजरीवाल के जमानत पर बाहर आने के बाद क्या होगा इस पर नजरें टिक गई है.

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Last Updated : Sep 13, 2024, 4:39 PM IST

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