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जखोली में 'बालिका वधू' बनने से बची नाबालिग, जिला प्रशासन की टीम ने सिखाया सबक - RUDRAPRAYAG MINOR GIRL MARRIAGE

जखोली में 16 वर्षीय लड़की की शादी कराने में तुले थे परिजन, सात फेरे लेने से पहले जिला प्रशासन की टीम ने रोक दिया

Minor Girl Marriage
नाबालिग लड़की की शादी (फोटो- ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 16, 2025, 7:51 PM IST

रुद्रप्रयाग: लड़कियों की कम उम्र में शादी ना करने और बाल विवाह को लेकर कई जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद चोरी छिपे नाबालिग लड़कियों की शादी के मामले सामने आते रहते हैं. ताजा मामला जखोली ब्लॉक के दूरस्थ गांव का है. जहां 16 वर्षीय नाबालिग लड़की की शादी होने जा रही थी, लेकिन इसकी भनक प्रशासन को लग गई. जिस पर जिला प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और शादी रुकवा दी.

16 वर्षीय लड़की की शादी कराने में तुले थे परिजन:दरअसल, जखोली ब्लॉक के दूरस्थ एक गांव में 16 साल की लड़की की शादी होने जा रही थी. तभी किसी ने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी. इसके बाद वन स्टॉप सेंटर केंद्र की प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, मिशन शक्ति की जिला समन्वयक दीपिका कांडपाल, चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर सुरेंद्र सिंह के साथ केस वर्कर अखिलेश सिंह लड़की के घर पहुंचे.

हाईस्कूल के प्रमाण पत्र और स्कूल से चला उम्र का पता:वहीं, मौके पर पहुंचने पर प्रशासन की टीम को परिजनों ने बताया कि लड़की का आधार कार्ड में उम्र 18 वर्ष दर्ज है, जबकि, शिकायतकर्ता ने हाईस्कूल के प्रमाण पत्र में उसकी उम्र 16 वर्ष बताई थी. चाइल्ड हेल्पलाइन ने स्कूल के प्रधानाचार्य से संपर्क किया. जिसके बाद खुलासा हुआ कि प्रमाण पत्र में लड़की की वास्तविक उम्र 16 वर्ष 4 महीने है.

जांच टीम ने लड़की के परिजनों को सख्त चेतावनी दी कि यदि 18 वर्ष से पहले उसका विवाह कराया गया तो उन्हें दो साल की कड़ी सजा और जुर्माना भुगतना पडे़गा. साथ ही मौके पर मौजूद पटवारी और ग्राम प्रधान को भी निर्देश दिए गए कि यदि भविष्य में ऐसे मामले सामने आए तो चाइल्ड हेल्पलाइन के नंबर 1098 पर सूचना दें. ताकि, तत्काल कार्रवाई की जा सके.

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना था कि इस प्रकार से नाबालिग लड़की की शादी कराना कानूनन अपराध है. प्रशासन की इस सक्रियता से एक पाप होने से बचा है. ऐसा कृत्य मासूम बच्चियों की जिदंगी के साथ बड़ा खिलवाड़ है. आज के समय में इस प्रकार की सोच से समाज पर गलत असर पड़ रहा है. इसलिए समय रहते जिला प्रशासन की ओर से गांव-गांव में अभियान चलाते हुए लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है.

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