खूंटीःझारखंड का खूंटी जिला इन दिनों मिनी अफगानिस्तान की तरह दिखने लगा है. इसका कारण यह है कि जिले में कई इलाकों में अफीम की खेती की गई है. जिला मुख्यालय से महज पांच किमी के दायरे में ही अफीम के गुलाबी और सफेद फूलों से लहलहाती फसलें दिखाई दे रही है. शहरी क्षेत्र से सटे गांव, टोलो सहित जिले के सुदूरवर्ती इलाकों के जंगलों के बीच सिर्फ अफीम ही अफीम खेतों में नजर आ रही है. हालांकि प्रशासन दूरस्थ इलाकों में भी अभियान चलाकर अवैध अफीम की खेती नष्ट कर रहा है. लेकिन कई इलाके अब भी प्रशासन की नजर में नहीं आए हैं.
खूंटी शहर से मात्र पांच किमी के दायरे में की गई है अफीम की खेतीःबताते चलें कि खूंटी मुख्यालय से महज पांच किमी के दायरे में पड़ने वाले गांव महुआटोली, तोडंगकेल, तिरला पंचायत के तिरला, गुदु, गुदुडीह, बूदुडीह, रीदाडीह, सिंबूकेल, रानीकिन बुरु, सेनेगुटु, रिदाडीह, हेसल, जोबे, इठे और माहिल समेत लगभग सभी क्षेत्रों में अफीम की खेती नजर आ रही है. इन इलाकों में जिला प्रशासन के जनजागरुकता अभियान का असर नहीं दिख रहा है.
जिलेभर में अवैध अफीम की खेती के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान-डीसीःइस संबंध में खूंटी डीसी लोकेश मिश्रा ने बताया कि अवैध अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए संबंधित विभागों को ट्रैक्टर और रोटावेटर सहित ईंधन उपलब्ध कराए गए हैं. उन्होंने कहा कि जिले के सभी क्षेत्रों में अफीम की खेती चिन्हित कर अफीम को नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है. ग्रामीणों को नशे की खेती से बाहर निकलने के लिए उन्हें जागरूक किया जा रहा है. साथ ही वैकल्पिक खेती करने पर जोर दिया जा रहा है. डीसी ने कहा कि प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक जागरुकता के साथ खेतों में लगी अफीम की फसल को नष्ट किया जाएगा.
प्रखंडों के सुदूरवर्ती इलाकों में भी की गई है अवैध अफीम की खेतीः इधर, जिले के मुरहू और अड़की प्रखंड क्षेत्र के लगभग सभी इलाकों में अवैध अफीम की खेती लहलहा रही है. इस वर्ष 10 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर अवैध अफीम की खेती होने का अनुमान है. इसके साथ ही तोरपा, रनिया और कर्रा थाना क्षेत्र के सुदूर इलाकों में भी अफीम की खेती की गई है. ऐसे में जिला प्रशासन के लिए अफीम की खेती को रोकना और नष्ट करना बड़ी चुनौती बन गई है, लेकिन जिला प्रशासन का दावा है कि इस वर्ष सभी इलाकों को चिन्हित कर अवैध अफीम की खेती नष्ट की जाएगी. लेकिन दावे के अनुसार अभी तक एक प्रतिशत भी अफीम की खेती को नष्ट नहीं किया जा सका है.