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शाहजहांपुर में शराब का ठेका लेने में धोखाधड़ी, 12 ठेकेदारों के खिलाफ 5 मुकदमे दर्ज - SHAHJAHANPUR NEWS

शाहजहांपुर में एक ही परिवार के 12 शराब ठेकेदारों ने लाइसेंस के लिए जमा होने वाली सिक्योरिटी मनी में धोखाधड़ी की है.

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12 शराब ठेकेदारों के खिलाफ FIR दर्ज (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2025, 3:55 PM IST

शाहजहांपुर: जिले में 12 शराब ठेकेदारों पर जिला आबकारी अधिकारी ने धोखाधड़ी करने पर कार्रवाई की है. जिला आबकारी अधिकारी ने पांच अलग-अलग FIR दर्ज कराई हैं. ठेकेदारों ने शराब ठेके के लिए जमा होने वाली सिक्योरिटी मनी की एफडी में जीरो बढ़कर 5 हजार को 5 लाख कर दिया. शातिर ठेकेदारों ने कंप्यूटर से फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे. सभी आरोपी शराब ठेकेदार विधानसभा कटरा से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह के परिवार के हैं. इनमें से दो आरोपी शराब ठेकेदार जिला पंचायत के सदस्य भी है. पुलिस ने भी मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है.

जिले के एक ही परिवार के 12 शराब ठेकेदारों ने लाइसेंस के लिए जमा होने वाली सिक्योरिटी मनी में धोखाधड़ी की है. धोखाधड़ी करने वाले सभी शराब ठेकेदार कटरा विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह नवादा के परिवार के हैं, जिनमे दो जिला पंचायत सदस्य, एक ग्राम प्रधान और परिवार की महिलाएं शामिल है. ठेकेदारों ने लाइसेंस मिलने के बाद शराब ठेके के लिए जमा होने वाली फिक्स डिपाजिट रसीद में कंप्यूटर से जीरो बड़ा दिए.

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शातिर शराब ठेकेदारों ने 50,000 में जीरो बढ़कर 5 लाख कर दिया. 20,000 में जीरो बढ़कर 2 लाख कर दिया. इस तरह से शातिर शराब ठेकेदारों ने महज लगभग 2 लाख की धनराशि को लगभग एक करोड़ में फर्जी तरीके से फिक्स डिपाजिट रसीद तैयार कर ली और उन्हें विभाग में जमानत के तौर पर जमा करवा दिया. इसके बाद शक होने पर जब जिला आबकारी विभाग ने बैंक से जमानत के तौर पर जमा की गई फिक्स्ड डिपॉजिट का सत्यापन करवाया तो धोखाधड़ी का पूरा मामला उजागर हुआ.

जिला आबकारी अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने एक ही परिवार की 12 शराब ठेकेदारों पर पांच अलग-अलग FIR दर्ज कराई है. इनमें गंभीर धाराएं लगाई गई है. जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि सरकारी दस्तावेजों में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध है. इस मामले में अभी और कार्रवाई भी हो सकती है. फिलहाल जिला आबकारी अधिकारी ने सभी के शराब लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं.


दरअसल, जब शराब के ठेके होते हैं तो उसमें लाइसेंस की फीस जमा होती है. इसके अलावा आबकारी विभाग शराब ठेकेदारों से सिक्योरिटी मनी भी जमा करवाता है. बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद जारी करता है, जिसे आबकारी विभाग में जमा किया जाता है. इन्हीं रसीदों में शातिर शराब ठेकेदारों ने जीरो बढ़ाकर हजार की धनराशि को लाखों में तब्दील कर दिया. फिलहाल, मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है.

जिन शराब ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज हुई है, उसमें कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह नवादा की पत्नी उनके बेटे और बहुएं भी शामिल है. साथ ही परिवार की अन्य महिलाओं के नाम से भी शराब के ठेके लिए गए थे, लेकिन धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होने के बाद से दूसरे शराब ठेकेदारों में भी हड़कंप मचा हुआ है.

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