अलीगढ़: यूपी के अलीगढ़ में एक साल में रिश्वतखोरी में 5 सरकारी कर्मचारियों की गिरफ्तारी हुई. इसमें भी लेखपालों के भ्रष्टाचार के सर्वाधिक मामले पकड़े गए. मंगलवार को ही गभाना में लेखपाल के पद पर ट्रेनिंग कर रहे गीतम सिंह को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. वह अपने प्रशिक्षण के 64वें दिन भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति कैसे प्रभावी ढंग से लागू होगी.
एक साल में रिश्वतखोरी के पकड़े गए पांच लेखपाल:सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति भ्रष्टाचार की भेंट चल रही है. एक साल में ही रिश्वतखोरी के आरोप में कई लेखपाल रंगे हाथ पकड़े गए. अब तक करीब 5 लेखपालों को एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा है. वहीं, थाना गांधी पार्क में तैनात दारोगा राम वीरेश यादव को विवेचना में लाभ पहुंचाने के नाम पर दस हजार रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया.
प्रशिक्षु लेखपाल भी काली कमाई करते पकड़ा गया:करप्शन में लिप्त लेखपालों में कोल तहसील में तैनात लेखपाल नारायण प्रताप सिंह को आगरा विजिलेंस टीम ने फरवरी माह में दबोचा. तहसील इगलास में संग्रह अमीन सौदान सिंह को एंटी करप्शन टीम ने मई महीने में दबोचा. तहसील इगलास के ही लेखपाल सिपाही सिंह यादव को एंटी करप्शन टीम ने अगस्त के महीने में पकड़ा. तहसील खैर के लेखपाल सोरन सिंह को एंटी करप्शन टीम ने सितंबर महीने में जेल भेजा. वहीं तहसील गभाना में प्रशिक्षण ले रहे लेखपाल गीतम सिंह को एंटी करप्शन टीम ने 12 नवंबर को गिरफ्तार किया.
कोल तहसील के लेखपाल ने किया करप्शन का बड़ा खेल:कोल तहसील में तैनात लेखपाल नारायण प्रताप सिंह पर करप्शन का सबसे बड़ा आरोप लगा. जिसमें धनीपुर एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण में मुआवजे के नाम पर किसानों से रिश्वत लेते नारायण प्रताप सिंह गिरफ्तार हुए. यह घटनाएं सरकारी सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं. तहसील और राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. सरकारी काम करने के नाम पर रिश्वत ली जा रही है.
एसडीएम रिपोर्ट के बाद प्रशिक्षु लेखपल होगा निलम्बित: गभाना तहसील में 9 सितंबर को लेखपाल का प्रशिक्षण लेने वाले गीतम सिंह भी भ्रष्टाचार में रंगे हाथ पकड़े गए. अभी पूरी तरह नौकरी शुरू भी नहीं हो पाई थी और अपने प्रशिक्षण काल के 64वें दिन ही रिश्वत की कमाई जेब में भरना चाहते थे.