जयपुर. जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. पट्टे जारी करने के बदले रिश्वत के जिस मामले में उनके पति की गिरफ्तारी हुई थी, उसमें एसीबी को मेयर मुनेश गुर्जर की मिलीभगत के सबूत मिले हैं. एसीबी ने सरकार से मेयर के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. अभियोजन की स्वीकृति मिलने पर मुनेश की गिरफ्तारी हो सकती है. ऐसे में उनकी कुर्सी पर भी खतरा मंडरा सकता है. संभावना है कि अभियोजन की स्वीकृति मिलने पर एसीबी सुशील गुर्जर और मुनेश गुर्जर के खिलाफ एक साथ कोर्ट में चालान पेश कर सकती है. एसीबी के डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा का कहना है कि एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग से अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. इसके लिए एसीबी की ओर से विभाग को पत्र भेजा गया है. इस मामले में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से मामले के जांच अधिकारी से चर्चा की जाएगी.
दरअसल, एसीबी ने 4 अगस्त 2023 कोमुनेश गुर्जर के घर पर छापेमारी की थी. उनके पति सुशील गुर्जर को पट्टे जारी करने की एवज में दो लाख रुपए रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में एसीबी ने दलाल नारायण सिंह और अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था. मेयर के घर से परिवादी के पट्टे की फाइल के साथ ही 41 लाख रुपए नकद मिले थे, जबकि दलाल नारायण सिंह के घर से 8.95 लाख रुपए बरामद हुए थे. अब इस मामले की जांच में मुनेश गुर्जर की मिलीभगत सामने आने के बाद एसीबी ने स्वायत्त शासन विभाग से अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी है.