नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के अंतर्गत आज कॉलेज के छात्र संघ चुनाव की मतगणना हो रही है. इनमें मॉर्निंग कॉलेज की मतगणना सुबह 8:00 बजे शुरू हुई है. जबकि इवनिंग कॉलेज की मतगणना दोपहर 2:00 बजे से शुरू होगी. अभी फिलहाल पूर्वी दिल्ली में स्थित डीयू के विवेकानंद महिला कॉलेज के छात्र संघ चुनाव का परिणाम घोषित किया गया है, जिसमें विद्यार्थी परिषद के पूरे पैनल ने जीत दर्ज की है. छात्र संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के साथ ही सेंट्रल काउंसलर के पद पर विद्यार्थी परिषद के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है.
सृष्टि चंदीला ने जीता अध्यक्ष का पद :अध्यक्ष पद पर स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा सृष्टि चंदीला ने अपनी एनएसयूआई की प्रतिद्वंद्वी तमन्ना को 218 वोटो से हराकर जीत दर्ज की है. इसके साथ ही उपाध्यक्ष पद पर वैशाली ने जीत दर्ज की है. वैशाली को 242 मत मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी को 121 वोट मिले. सचिव पद पर बीए प्रथम वर्ष की छात्रा शगुन ने जीत दर्ज की है. संयुक्त सचिव पद पर बीए प्रथम वर्ष की छात्रा श्रुति ने निर्विरोध जीत दर्ज की है. कोषाध्यक्ष पद पर एबीवीपी की तमन्ना ने 242 वोट पाकर जीत दर्ज की. उनकी प्रतिद्वंद्वी एनएसयूआई प्रत्याशी को 110 वोट मिले.
राधिका डेढ़ा ने 243 वोट पाकर जीता केंद्रीय काउंसलर का पद :इसके साथ ही केंद्रीय काउंसलर के पद पर राधिका डेढ़ा ने 243 वोट पाकर जीत दर्ज की है. राधिका भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ही कार्यकर्ता है. चुनाव जीतने के बाद छात्र संघ अध्यक्ष चुनी गई सृष्टि चांदीला ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि उनकी सबसे पहली प्राथमिकता कॉलेज के अंदर मेडिकल रूम की व्यवस्था को दुरुस्त कराना है. उन्होंने बताया कि मेडिकल रूम अभी हर समय नहीं खुलता है, जबकि मेडिकल रूम हर समय खुला रहना चाहिए. जिससे कभी भी किसी भी छात्रा को परेशानी होने पर उसको मेडिकल रूम में प्राथमिक उपचार मिल सके. इसलिए सबसे पहले काम वह मेडिकल रूम की व्यवस्था को दुरुस्त करने का करेंगे.
छात्राओं से संबंधित समस्याओं के समाधान की कही बात :इसके अलावा छात्राओं से संबंधित जो भी समस्याएं होंगी उन सभी समस्याओं को छात्राओं के साथ बैठकर सुनकर और उनका निस्तारण कराएंगी. चुनाव जीतने में संगठन की क्या भूमिका रही और उनका खुद का क्या योगदान रहा है इसको लेकर सृष्टि ने बताया कि विद्यार्थी परिषद के पूरे संगठन की ओर से चुनाव में पूरा सहयोग मिला. संगठन की दम पर ही वह चुनाव जीतने में सफल रही.