छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

अबूझमाड़ के लाल बुटलूराम माथरा पर बस्तर को गर्व, इस नायक के पीएम नरेंद्र मोदी भी मुरीद

पूरे देश में अबूझमाड़िया जनजाति की लोककला को आगे बढ़ाने वाले बुटलूराम की पीएम मोदी ने तारीफ की है. इनके कार्यों को जानिए

BUTLURAM MATHRA IS PRIDE
बुटलूराम माथरा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 28, 2024, 4:36 PM IST

नारायणपुर: अबूझमाड़ के बुटलूराम माथरा की चर्चा आज देश में हर जगह हो रही है. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में इस शख्स का जिक्र किया है. समाज और संस्कृति के प्रति इनके योगदान को लेकर पीएम ने बुटलूराम माथरा के बारे में मन की बात कार्यक्रम में चर्चा की. उन्होंने बुटलूराम के कार्यों को सराहा है और बताया है कि किस तरह उन्होंने समाज की बेहतरी के लिए कार्य किया.

अबूझमाड़ के लाल बुटलूराम माथरा: पीएम मोदी के जिक्र के बाद बुटलूराम माथरा के योगदान के बारे में समाज को पता चला है. इसके साथ ही लोगों को अबुझमाड़िया जनजाति की लोककला के बारे में जानकारी मिल रही है. अबूझमाड़ के नारायणपुर का जिक्र अधिकांश रुप से नक्सलवाद और आईईडी धमाकों के लिए होता है. इस बार इस क्षेत्र का जिक्र सामाजिक विकास को लेकर हो रहा है. इसका श्रेय देवगांव निवासी बुटलूराम माथरा को जाता है. जिन्होंने अपने जीवन को अबुझमाड़िया जनजाति की लोककला के संरक्षण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान और स्वच्छ भारत मिशन में लगा दिया.

कौन हैं बुटलूराम माथरा ? : बुटलूराम माथरा नारायणपुर के देवगांव इलाके के रहने वाले हैं. उन्होंने महज पांचवी क्लास तक पढ़ाई की है. बीते चार दशकों से वे लगातार जनजातीय लोककला के संरक्षण में काम कर रहे हैं. बस्तर का यह लाल सामाजिक कल्याण और सांस्कृतिक संरक्षण दोनों दिशा में काम कर रहे हैं. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम को भी यह बढ़ावा दे रहे हैं.

पीएम मोदी ने बुटलूराम माथरा की तारीफ की: पीएम मोदी ने रविवार को मन की बात में अबूझमाड़ और बस्तर का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बुटलूराम माथरा जैसे शख्स के समाज के प्रति ऐसे कार्य पूरी सोसाइटी को प्रेरित करती है. ये देश की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में सहायक होते हैं. उनके यह कार्य निश्चित रूप से दूसरों को प्रेरित करेंगे और जनजातीय संस्कृति को संरक्षित करने में भी मदद करेंगे.

मैंने पांचवी तक पढ़ाई की है. उसके बाद मैंने अपनी कला के जरिए जीवन में काम करना शुरू किया. मैं किसान हूं और बांस की कला के जरिए मैं कई तरह के यंत्र बनाता हूं. इस यंत्र और बांस की सजावट के सामान, बर्तन तैयार करने से लोगों को रोजगार मिलता है. ऐसी कलाकृतियां पर्यावरण के अनुकूल भी है. कला समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है. इससे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित किया जा सकेगा: बुटलूराम माथरा, समाज सेवी

निश्चित तौर पर बुटलूराम माथरा अबूझमाड़ जैसे दुर्गम इलाके में रहते हुए देश और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का शानदार प्रयास कर रहे हैं. उनके समाज के प्रति सकारात्मक विचार से आने वाले दिनों में देश को और फायदा होगा.

मन की बात में पीएम मोदी ने की अबूझमाड़ की लोक परंपरा और स्वच्छ भारत मिशन की चर्चा

एनिमेशन की दुनिया में भारत की नई क्रांति: पीएम मोदी

रतन टाटा की इंस्टाग्राम पोस्ट ने छूआ नेटिजेंस का दिल, पढ़ें क्या थी टाटा के मन की बात

ABOUT THE AUTHOR

...view details