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श्रीनगर मेयर पद के लिए आरती भंडारी ने बीजेपी से की बगावत, पार्टी अनुशासनहीनता पर करेगी कार्रवाई - MUNICIPAL ELECTION IN PAURI

आरती भंडारी ने निर्दलीय नामांकन कर लिया है. साथ ही उन्होंने नामांकन कर जनसंपर्क तेज कर दिया है.

Pauri Municipal Corporation
श्रीनगर मेयर पद के लिए आरती भंडारी ने निर्दलीय किया नामांकन (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 30, 2024, 8:29 AM IST

Updated : Dec 30, 2024, 9:48 AM IST

पौड़ी: भारतीय जनता पार्टी की ओर से नगर निगम के अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी गई है. भाजपा ने पौड़ी के श्रीनगर से नगर निगम के लिए आशा उपाध्याय को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. जबकि सूची जारी होने से पहले ही श्रीनगर मेयर पद के लिए भाजपा के जिला उपाध्यक्ष लखपत भंडारी की पत्नी आरती भंडारी के निर्दलीय रूप से अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. जिससे पार्टी के पदाधिकारियों में रोष है. भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पौड़ी कमल किशोर रावत ने बताया कि भाजपा एक अनुशासन की पार्टी है जो भी व्यक्ति अनुशासनहीनता करेगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष कमल किशोर रावत ने स्पष्ट किया है कि भाजपा में अनुशासन का पालन अनिवार्य है और जो भी पार्टी के नियमों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी. इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि आरती भंडारी के निर्दलीय नामांकन से पार्टी के भीतर असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भाजपा ने नगर निगम श्रीनगर से आशा उपाध्याय को अधिकृत प्रत्याशी के रूप में चुना है. इस चयन के साथ ही पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह नगर निगम चुनावों में अनुशासन और संगठनात्मक एकता को प्राथमिकता दे रही हैं.

निर्दलीय मैदान में उतरी आरती भंडारी (Video-ETV Bharat)

आरती भंडारी के निर्दलीय नामांकन के बावजूद, पार्टी की ओर से आशा उपाध्याय को समर्थन देते हुए आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया है, जो पार्टी की आधिकारिक प्रत्याशी हैं. प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विजय कपरवान ने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि अन्य लोगों के खिलाफ भी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, जिन्हें प्रदेश नेतृत्व तक भेजा जा रहा है. यह पार्टी के अनुशासन को बनाए रखने की दिशा में एक सख्त संदेश है कि कोई भी पार्टी की नीतियों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं कर सकता. चुनावों में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाए.
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Last Updated : Dec 30, 2024, 9:48 AM IST

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