नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के टैक्स टेररिज्म का दायरा बढ़ते-बढ़ते अब रिसर्च कर रहे छात्रों की स्कॉलरशिप तक पहुंच गया है. सरकार ने 2017 से रिसर्च इंस्टीट्यूट को मिल रहे ग्रांट्स पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है. शनिवार को आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक ने प्रस्ताव की कड़ी निंदा करते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि यह दुनिया के इतिहास में पहली बार है, जब कोई सरकार रिसर्च ग्रांट पर टैक्स लगा रही है. सरकार ने सभी रिसर्च इंस्टीट्यूट को जीएसटी जमा करने के लिए शो कॉज नोटिस दिया है. सरकार तर्क दे रही है कि रिसर्च एक सर्विस है. इसलिए इसके लिए मिले ग्रांट्स पर जीएसटी लगनी चाहिए, जोकि बहुत ही हास्यास्पद है. क्योंकि अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, साउथ कोरिया, सिंगापुर समेत किसी भी विकसित व विकासशील देश में रिसर्च ग्रांट पर टैक्स नहीं लगता है. समस्त मानव जाति और देश के विकास के लिए होने वाले रिसर्च पर जीएसटी लगाना टैक्स टेररिज्म है.
आम आदमी पार्टी सांसद संदीप पाठक ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता कर कहा कि कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने रिसर्च ग्रांट्स पर टैक्स लगाया है जो उसकी नियत और टैक्स टेररिज्म पॉलिसी का बड़ा भयानक अध्याय है. केंद्र सरकार ने 2017 से देश की रिसर्च संस्थाओं को दिए ग्रांट्स पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया है और सभी संस्थाओं को 2017 से अब तक मिले रिसर्च ग्रांट्स पर जीएसटी जमा करने के लिए शो कॉज नोटिस दिया है. सरकार ने इन संस्थाओं से करीब 220 करोड़ रुपए जीएसटी के रूप में मांगे हैं. इसमें आईआईटी दिल्ली जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी शामिल हैं.